अधिवक्ताओं ने की बरही अनुमंडल में व्यावहार न्यायालय स्थापना की मांग

बरही : बरही अनुमंडल की स्थापना हुए 10 अप्रैल को 25 साल पूरा हो गया. नवगठित बरही अनुमंडल का उदघाटन अविभाजित विहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 10 अप्रैल 1994 को किया था. बरही अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार ओझा व महासचिव राजकुमार प्रसाद ने सिल्वर जुबली के मौके पर कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2019 12:55 AM

बरही : बरही अनुमंडल की स्थापना हुए 10 अप्रैल को 25 साल पूरा हो गया. नवगठित बरही अनुमंडल का उदघाटन अविभाजित विहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 10 अप्रैल 1994 को किया था. बरही अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार ओझा व महासचिव राजकुमार प्रसाद ने सिल्वर जुबली के मौके पर कहा कि 25 वर्ष में बरही अनुमंडल को संपूर्ण अनुमंडल नहीं बन पाना चिंताजनक बात है.

अनुमंडल कार्यालय को नया भवन तो मिल गया है, लेकिन कार्यबल नहीं मिल पाया है. इस अनुमंडल की शुरुआत एक अनुमंडलाधिकारी व दो कार्यपालक दंडाअधिकारी की नियुक्ति से हुई थी. लेकिन वर्तमान में यहाँ अनुमंडलाधिकारी के अलावा एक डीसी एलआर ही पदस्थपित हैं. अनुमंडल में व्यवहार न्यायालय की स्थापना नहीं हो पाई है.
इसके चलते बरही अनुमंडल क्षेत्र के लोगों व्यवहार न्यायायलय संबंधित मुकदमों के लिए हजारीबाग व्यवहार न्यायालय जाना पड़ता है. इससे यहां के लोगों को काफी परेशानी होती है. उन्होंने मांग की है कि बरही में वर्षो से निर्माणाधीन जेल भवन को शीघ्र पूर्ण किया जाये व बरही व्यवहार न्यायालय की स्थापना की जाये.
मांग का समर्थन बरही अनुमंडल न्यायालय के उपाध्यक्ष उदय कुमार सिन्हा, संयुक्त सचिव मणिलाल चौधरी, कोषाध्यक्ष राजीव प्रसाद, नोटरी रामकृष्ण प्रसाद नटवर, रामचंद प्रसाद, रामकृत सिंह, सतीश कुमार, सुशील कुमार सिंह, सुखदेव शर्मा, वैद्यनाथ प्रसाद, रामचंद्र चौधरी, रविशंकर, झारखंडी सहा, भारतभूषण, सौरभ कुमार, राजेंद्र कुमार राणा, सत्यशरण, कृष्णा चौधरी, रमेश महतो, मनोज पांडेय, कपिलदेव आदि ने की है.

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