संजय सागर, बड़कागांव
सावन आते ही 500 मीटर ऊंची पहाड़ पर्वत पर स्थित बुढ़वा महादेव के पास शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है. बुढ़वा महादेव पहाड़ श्रावणी मेले को लेकर काफी चर्चित है. यहां झारखंड के विभिन्न जिले के अलावे पड़ोसी राज्यों से भी भक्त जल चढ़ाने एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं. बुढ़वा महादेव झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले से 26 किलोमीटर दूर स्थित बड़कागांव प्रखंड के दक्षिण भाग में स्थित है. यहां 17 जुलाई को रुद्राभिषेक के साथ श्रावणी मेले का शुभारंभ होगा. इसका उद्घाटन एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह करेंगे.
क्या है खासियत
पर्वत की चोटी पर स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर, छगरी गुदरी गुफा, द्वारपाल गुफा, मड़ावा खामी, बंदरचुमा जल प्रपात, एवं दर्जनों नागफनी आकार की चट्टानें, तीर्थ स्थल धार्मिक ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है. झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड बुढ़वा महादेव पर्वत चोटी तथा आसपास के क्षेत्रों में बॉलीवुड एवं अन्य फिल्मों की शूटिंग की जाती है.
यहां की हरी-भरी वादियां घुमावदार पहाड़ियां, आकाश को चूमते पेड़, रंग -बिरंगे फूल बरबस ही सैलानियों को आकर्षित करते हैं. प्रकृति की छटा आकाश को चुमती पर्वत की चोटियां, पक्षियों का गुंजन, सनसनाती हवाएं, गहरी घाटियां पर्यटकों के दिल में अपने प्रति आकर्षण पैदा करती है.
हिलस्टेशन
बुढ़वा महादेव 500 मीटर ऊंचे पहाड़ की चोटी पर स्थित है. इसे हजारीबाग, चतरा और रांची जिले का सबसे बड़ा हिल स्टेशन माना जाता है. यहां से बड़कागांव प्रखंड के सभी गांव एवं केरेडारी प्रखंड के कुछ गांव का अवलोकन किया जाता है. यहां वन विभाग द्वारा टावर का निर्माण किया गया है. यहां बुढ़वा महादेव मंदिर में भगवान शंकर, मां पार्वती, भगवान गणेश की पूजा की जाती है. बगल में बजरंगबली और 36 माता के रूप में नीम का पेड़ की पूजा की जाती है. यहां पर्यटक पूरे साल आते रहते हैं. इन स्थलों पर फिल्मों की शूटिंग होती है.
नागफनी चट्टानें
बुढ़वा महादेव मार्ग में दर्जनों चट्टाने नाग प्रकार की है. द्वारपाल गुफा शेषनाग के आकार का है, शेषनाग आकर के विशाल चट्टानें सड़क के दोनों ओर स्थित हैं. इसे देखने से ऐसा लगता है जैसे सैलानियों के स्वागत के लिए शेषनाग तैयार हैं.