किसान उन्नत किस्म के पौधे से वंचित
हजारीबाग :हजारीबाग जिले का एकमात्र सरकारी हाइटेक नर्सरी एक साल से बंद है. नर्सरी के ग्रीन हाउस और ग्रीन शेड में उन्नत किस्म के पौधों के बजाय गाजर घास और झाड़ियां उग आयी हैं. नर्सरी के शेड उजड़ चुके हैं. ग्रीन हाउस की मशीनें खराब हो रही हैं. इस हाइटेक नर्सरी को तैयार करने में […]
हजारीबाग :हजारीबाग जिले का एकमात्र सरकारी हाइटेक नर्सरी एक साल से बंद है. नर्सरी के ग्रीन हाउस और ग्रीन शेड में उन्नत किस्म के पौधों के बजाय गाजर घास और झाड़ियां उग आयी हैं. नर्सरी के शेड उजड़ चुके हैं. ग्रीन हाउस की मशीनें खराब हो रही हैं. इस हाइटेक नर्सरी को तैयार करने में लाखों रुपये खर्च किये गये थे. पौधों को सिंचने के लिए ड्रीप इरिगेशन सिस्टम भी बेकार हो गयी है. नतीजा यह है कि नर्सरी बंद होने से किसानों के खेतों तक उन्नत किस्म के पौधे नहीं पहुंच रहे हैं.
हाइटेक नर्सरी का उद्देश्य: सरकारी हाइटेक नर्सरी पिछले 12 साल से यहां चल रहा था. भूमि संरक्षण विभाग की ओर से यह नर्सरी डीपूगढ़ा में चलाया जा रहा था. इसके लिए विभिन्न योजनाओं की राशि से कुछ फंड एकत्र किये जाते थे. इसी फंड से नर्सरी का संचालन होता था. नर्सरी में खुद का पौधा तैयार करने व बाहर से लाकर उन्नत किस्म के पौधे लगाये जाते थे. इनमें विभिन्न किस्म के आम, अमरूद, नाशपाती, पपीता, संतरा, नीबू, मौसमी सब्जी, शो-प्लांट, विभिन्न प्रकार के फूल सहित पौधे शामिल हैं. इन पौधों को बेच कर नर्सरी के माली का मानदेय व इसके विकास पर खर्च किया जाता था.
क्या कहते हैं ग्रामीण: कोर्रा-जबरा के राजकुमार ने बताया कि नर्सरी से अच्छे किस्म की सब्जियों के पौधे उचित दर मिलते थे, लेकिन अब यहां से पौधे मिलने बंद हो गये हैं. यहां से सब्जी के पौधे ले जाने पर किसानों को विश्वास रहता था. अब दूसरी जगह से जब पौधे ले जाते हैं, तो संदेह बना रहता है.