– राजपूत टोला के लोगों ने जब जमीन दी, तब शव दफनाया गया
संजय सागर, बड़कागांव
सांप दिखाकर जीवन यापन करने वाले मिथुन सपेरा की मौत टीबी की बीमारी के कारण हो गयी. इसे मिट्टी देने के लिए मृतक की बहन हिना देवी और भाई गोपाल सपेरा रो-रोकर बिश्रामपुर के कई लोगों के पास गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन मृतक मिथुन सपेरा को मिट्टी देने के लिए कोई जमीन देने को तैयार नहीं हुआ. यह घटना बड़कागांव प्रखंड के विश्रामपुर पंचायत की है.
पंचायत भवन के समीप साप्ताहिक बाजार का सेड है. यहां सांप एवं जादू दिखाकर जीवन यापन करने वाले 40 लोग रहते हैं. टीबी की बीमारी के कारण मिथुन सपेरा की मौत 21 सितंबर के 12:30 बजे दोपहर में हो गयी. उक्त शव को मिट्टी देने के लिए कोई जमीन नहीं मिलने के कारण 19 घंटे तक विश्रामपुर बाजार सेड में ही मृतक का शव पड़ा रहा.
मृतक मिथुन सपेरा, भाई गोपाल सपेरा पिता रामू सपेरा व उनके अन्य परिवार गया जिले के कोच थाना ग्राम धरारा के निवासी हैं. इनके साथ और भी सांप का खेल दिखाने वाले फुलवारी शरीफ व पटना के रहने वाले हैं. मृतक की बहन हिना देवी, गोपाल सपेरा व उनके साथ रहने वाले सूर्या नट, नेपाली नट, गुड्डू नट समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि 21 सितंबर को मृतक मिथुन सपेरा को मिट्टी देने के लिए असमसान घाट में कोई जगह नहीं दिया गया.
कुछ लोग जब हमारी मजबूरी को समझें तो विश्रामपुर नदी तट स्थित श्मशान घाट के पास जमीन देने के लिए तैयार हो गये. लगभग 3 फीट तक गड्ढे भी खोदे. लेकिन एक गांव का अमीन आकर लोगों को गलत तरीके से समझा बुझा दिया. इस कारण लोग वहां पर लाश को दफनाने नहीं दिये. लाश को दफनाने के लिए कई गणमान्य लोगों के पास भी फरियाद किया, पर कोई ध्यान नहीं दिये.
अंत में राजपूत टोला के लोगों ने शव को दफनाने के लिए नदी तट के पास जमीन दी. तब मृतक को मिट्टी दी गयी. पप्पू सिंह, सरोज सिंह, विजय सिंह, मनोज सिंह, महेश सिंह, संजय सिंह, केसर सिंह ने बिश्रामपुर नदी तट के पास अपनी जमीन दी एवं काफी मदद की. तब मृतक को मिट्टी दी गयी. इसकी सूचना जब प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार व मुखिया अशोक महतो को हुई तो उन्होंने परिजनों को चावल देकर सहयोग किया. आजसू नेता पंकज ठाकुर ने भी मृतक के परिजनों की मदद की.