बड़कागांव में 36 घंटे की बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, आर्थिक संकट से जूझ रहे मजदूर
बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड में 36 घंटे तक बारिश होने से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. वहीं, किसानों में खुशी की लहर है. क्योंकि प्रखंड में 50 फीसदी धान की रोपनी हुई है. इन धान की फसलों के लिए बारिश आवश्यक थी. जहां एक ओर सरकार व सरकारी तंत्र विकास के ढिंढोरे पीट रही है. वहीं, […]
बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड में 36 घंटे तक बारिश होने से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. वहीं, किसानों में खुशी की लहर है. क्योंकि प्रखंड में 50 फीसदी धान की रोपनी हुई है. इन धान की फसलों के लिए बारिश आवश्यक थी. जहां एक ओर सरकार व सरकारी तंत्र विकास के ढिंढोरे पीट रही है. वहीं, 36 घंटे की बारिश ने बड़कागांव प्रखंड में विकास की पोल खोल दी है. प्रखंड में सड़क और नालियां नहीं बनने के कारण बरसात का पानी कई लोग के घरों में घुस गये.
बड़कागांव चौक के राजू खंडेलवाल के घर में पानी घुस गया. जिस कारण उनके परिजनों को रात-रात भर जागना पड़ा. इसके अलावा राहुल कुमार व डेली मार्केट के दर्जनों दुकानों व पंकरी बरवाडीह के कई लोगों के घरों में पानी घुस गये. घरों में पानी घुसने का मुख्य कारण नवनिर्मित सड़कों को ऊंचा कर दिया गया है, जिससे कई लोगों का घर डाउन में हो गया.
प्रखंड के मुख्य चौक के आदर्श मध्य विद्यालय से लेकर किसान मेडिकल तक, दैनिक बाजार से लेकर राजू सोनी के घर तक, देवनाथ महतो के घर से राजू सोनी के घर तक, बसरिया मोहल्ला में महावीर साव के घर से लेकर निजाम टेलर तक, अंबेडकर मोहल्ला में सुरेश राम के घर से लेकर भुइयांटोली तक नालिया नहीं बनने के कारण सड़कों पर पानी-पानी लगा.
मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट
बड़कागांव के राजमिस्त्री अजय कुमार, बबलू भुइयां, झरी भुइयां, बालेश्वर भुइयां, राजकुमार राम समेत अन्य मजदूरों ने बताया कि लगातार तीन दिनों की बारिश होने से कामकाज ठप रहा प्रति मजदूर को 1000 रुपये का नुकसान हुआ. बड़कागांव प्रखंड में लगभग 25 से अधिक मजदूरों का काम बाधित रहा इस कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ.