हजारीबाग : प्लास्टिक है नहीं, निकला खत्म करने का टेंडर

जयनारायण हजारीबाग : हजारीबाग जिले में स्वच्छता अभियान के तहत बेकार पड़े प्लास्टिक को नष्ट करने पर करीब 34 लाख रुपये का खर्च होने हैं. राशि जिला जल स्वच्छता विभाग ने 16 प्रखंडों को उपलब्ध करा दी है, लेकिन प्रखंडों में चुने गये प्लास्टिक को कहां रखा गया है, यह कहीं नजर नहीं आता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 8:35 AM
जयनारायण
हजारीबाग : हजारीबाग जिले में स्वच्छता अभियान के तहत बेकार पड़े प्लास्टिक को नष्ट करने पर करीब 34 लाख रुपये का खर्च होने हैं. राशि जिला जल स्वच्छता विभाग ने 16 प्रखंडों को उपलब्ध करा दी है, लेकिन प्रखंडों में चुने गये प्लास्टिक को कहां रखा गया है, यह कहीं नजर नहीं आता है. योजना के तहत चुन कर रखे गये प्लास्टिक को रिसाइकिल करना था, लेकिन जागरूकता के अभाव में प्लास्टिक कचरा को कहीं जला दिया गया, तो कहीं जमीन में दफन कर दिया गया.
गौरतलब है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ नाम से अभियान चलाया गया. इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक को चुन कर जमा करना था. इस अभियान में बड़े नेताओं से लेकर पदाधिकारियों और आमलोगों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. अभियान के 20वें दिन जिले में जो स्थिति दिखायी दी, उससे तो यही लगता है कि अभियान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है. अभियान के बाद जमा अवशिष्ट प्लास्टिक आज भी पंचायतों और गांवों में बिखरे पड़े हैं.
11 सितंबर से दो अक्तूबर तक चला था अभियान
स्वच्छता ही सेवा अभियान 11 सितंबर से दो अक्तूबर तक चला. अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में सभा-रैली के दौरान बिखरे हुए प्लास्टिक को चुनना था. चौक-चौराहों, धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ेदान की व्यवस्था करनी थी, लेकिन यह काम नहीं हुआ.
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों, हाट-बाजार जैसे स्थानों पर श्रमदान से प्लास्टिक कचरा संग्रह किया गया. तीन अक्तूबर से प्लास्टिक अवशिष्ट को सुरक्षित निबटाने के लिए प्रखंड के बाद जिला स्तर संग्रह करना था.
इसके बाद एसीसी सीमेंट झींकपानी व चाईबासा को अवशिष्ट प्लास्टिक को 13 अक्तूबर तक उठाव कर रिसाइकिल करने की जिम्मेवारी दी गयी थी, लेकिन आज तक प्लास्टिक कचरा पंचायत भवनों के आसपास ही गड्ढों में पड़े हैं.
जमीन में डाला गया प्लास्टिक: बीडीओ
बड़कागांव पश्चिम की मुखिया अनीता देवी, सदर प्रखंड के सखिया पंचायत के मुखिया अरुण यादव, अमनारी मुखिया अनूप कुमार, दारू प्रखंड मुखिया लक्ष्मी देवी, रामदेव खैरिया मुखिया वीरेंद्र यादव ने बताया कि अभियान के दौरान चुना गया प्लास्टिक अब भी पंचायत में जमा है. जिला स्तर पर इसके लिए किसी तरह की गाइड लाइन नहीं मिली है. वहीं, इचाक बीडीओ उषा मिंज ने बताया कि इचाक प्रखंड में तीन बोरी प्लास्टिक को जमीन खोद उसमें डाल दिया गया.
प्लास्टिक एनएचआइ व एसीसी को भेजा गया: अभियंता
पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता राकेश मार्केंड ने बताया कि अभियान के तहत चुने गये प्लास्टिक को एनएचआइ और एसीसी कंपनी झींकपानी को भेजा गया है. यह पूछे जाने पर कि आपने कितना कचरा एसीसी झींकपानी को भेजा है, तो इस पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये. वहीं, एसीसी कंपनी झींकपानी सीमेंट के स्वदीप चक्रवर्ती के मोबाइल पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में प्लास्टिक का उठाव किया जायेगा.
इन प्रखंडों को दी गयी राशि
जिला जल स्वच्छता समिति, हजारीबाग की ओर से करीब 34 लाख रुपये विभिन्न प्रखंडों को भेजने की तैयारी चल रही है. कटकमदाग को 206500, टाटीझरिया को 171000, इचाक को 224250, दारू को 171000, पदमा को 171000, डाडी 206500, बरकट्ठा 292800, चलकुशा 178100, चुरचू 217150, बरही 195850, केरेडारी 355800, कटकमसांडी 202950, विष्णुगढ़ 284600, चौपारण 302350, सदर 100000 और बड़कागांव को 100000 रुपये भेजे गये हैं.
एक आदमी ने 100 ग्राम भी कचरा नहीं चुना
स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान 22 दिन में 1,20,387 लोगों ने कुल 11,692 घंटा काम किया. इस घंटे को साल में बदलें तो 487 दिन के बराबर होगा. पूरे अभियान में 1157 किलो अवशिष्ट पदार्थ चुने गये. इसमें 1076 किलो सिंगल यूज प्लास्टिक था. अभियान जिले के 896 गांवों में चला.
इसमें 11282 लोगों ने स्वेच्छा से श्रमदान किया. इस तरह पूरे अभियान में एक व्यक्ति के हिस्से में 100 ग्राम से भी कम अवशिष्ट प्लास्टिक चुने गये. सरकार के ये सभी आंकड़े संपूर्ण स्वच्छता ही सेवा अभियान की सच्चाई को उजागर करता है. अब विचार करने का विषय यह है कि 22 दिन के लिए सरकार करीब 34 लाख रुपया खर्च करेगी. यह चौकानेवाली बात है.

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