झारखंड की राजनीति का प्लैश बैक : बड़ा बेटा हारा, छोटे ने संभाला गढ़, झामुमो के टेकलाल पांच बार मांडू से रहे विधायक

अजय कुमार गिद्दी(हजारीबाग) : रामगढ़ के राजा कामाख्या नारायण सिंह मांडू सीट कांग्रेस से हार गये थे. वर्ष 1957 में अस्तित्व में आया मांडू विधानसभा क्षेत्र पर रामगढ़ राज परिवार का प्रभाव था. रामगढ़ राज परिवार की छोटानागपुर एंड संताल परगना जनता पार्टी के मोती राम मांडू के पहले विधायक थे. वर्ष 1962 में स्वतंत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2019 6:07 AM
अजय कुमार
गिद्दी(हजारीबाग) : रामगढ़ के राजा कामाख्या नारायण सिंह मांडू सीट कांग्रेस से हार गये थे. वर्ष 1957 में अस्तित्व में आया मांडू विधानसभा क्षेत्र पर रामगढ़ राज परिवार का प्रभाव था. रामगढ़ राज परिवार की छोटानागपुर एंड संताल परगना जनता पार्टी के मोती राम मांडू के पहले विधायक थे.
वर्ष 1962 में स्वतंत्र पार्टी के रघुनंदन प्रसाद, 1967 में जनक्रांति दल के बीएन सिंह और 1979 में राजा कामाख्या नारायण सिंह खुद मांडू से चुनाव लड़े और जीते थे. लेकिन, 1972 में कांग्रेस ने रामगढ़ राज परिवार से यह सीट छीन ली. कांग्रेस के वीरेंद्र कुमार पांडेय ने उनको चुनाव हराया था. हालांकि, उसके बाद से कांग्रेस कभी भी मांडू सीट नहीं जीत सकी. 1977 में जनता पार्टी के गोपालशरण सिंह व 1980 में जनता पार्टी (एससी) की रमणिका गुप्ता ने जीत हासिल की थी. झामुमो के टेकलाल महतो सबसे ज्यादा पांच बार मांडू से विधायक रहे. वह 1985, 1990, 1995, 2000 और 2009 का चुनाव जीते.
वैसे, टेकलाल 1977 और 1980 का चुनाव भी लड़े थे. लेकिन, जीत नहीं सके थे. 2005 में टेकलाल नहीं लड़े, बड़े बेटे रामप्रकाश भाई पटेल को झामुमो का टिकट दिला चुनाव लड़ाया. हालांकि, वह जदयू के खीरू महतो से हार गये. 2009 में टेकलाल फिर से लड़े और जीते. 2011 में उनकी मृत्यु हो गयी. उसके बाद हुए उपचुनाव में टेकलाल के छोटे बेटे जयप्रकाश भाई पटेल ने चुनाव लड़ा. झामुमो के टिकट पर वह जीत गये.
उसके बाद झामुमो प्रत्याशी के रूप में ही उन्होंने 2014 के चुनाव में भी जीत हासिल की. आश्चर्यजनक रूप से मांडू के सामान्य सीट होने के बावजूद अब तक एक बार भी यह सीट भाजपा के खाते में नहीं गयी है. अब जयप्रकाश भाई पटेल भाजपा चले गये हैं. इसबार वह मांडू से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

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