जयनारायण
हजारीबाग : पिछले 10 दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड और कोहरे ने हजारीबाग के किसानों की कमर तोड़ दी है. आलू की फसल को झुलसा रोग लग गया, जिससे जिले के विभिन्न प्रखंडों में करीब आठ हजार एकड़ जमीन में लगी आलू की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी. किसानों के समक्ष स्थिति यह है कि अब खर्च तक निकाल पाना मुश्किल हो रहा है.
एक अनुमान के अनुसार, झुलसा रोग से सैकड़ों किसानों के करीब 50 करोड़ रुपये की पूंजी डूब गयी है, जो उन्होंने इसकी खेती में लगायी थी. इस नुकसान को लेकर जिला उद्यान पदाधिकारी ने राज्य और केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में 22,932 मीट्रिक टन आलू की फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया गया है.
पूंजी निकालना भी मुश्किल : इचाक प्रखंड के बरकाखुर्द स्थित कालाद्वार के किसान महेश मेहता ने बताया कि उन्होंने इस साल सात एकड़ जमीन पर 110 क्विंटल आलू लगाया था. आलू के पौधे तैयार हुए, लेकिन उसके पत्ते काले पड़ने लगे. डंठल सहित पौधे बाद में गल गये. आलू को तैयार करने में करीब पांच लाख रुपये की पूंजी लगी थी. झुलसा रोग ने ऐसा कहर बरपाया कि आलू के पौधे से एक भी आलू की आशा नहीं है.
रामगढ़ में भी किसान परेशान, सब्जी की फसल बर्बाद
रामगढ़ : जिले के चितरपुर, गोला व दुलमी प्रखंड कृषि बाहुल्य क्षेत्र हैं. इस बार खराब मौसम ने क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़ दी है. शीतलहर व पाला (कुहासा) पड़ने से हजारों एकड़ भूमि में लगी फसलों (आलू, फर्सबीन, बैंगन, गाजर, टमाटर, बीट, गोभी) में झुलसा रोग लग गया है.
किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. लोगों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है. इस संबंध में रामगढ़ के उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा है कि क्षेत्र में झुलसा रोग के कारण फसलों की बर्बादी की शिकायत किसानों से मिली है. कृषि पदाधिकारी को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.