24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बड़कागांव : सात समंदर पार से आने वाले साइबेरियन पक्षियों से आकर्षण का केंद्र बना जलाशय

संजय सागर, बड़कागांव सात समंदर पार कर आने वाले ‘आकाशीय मेहमानों’ ने बड़कागांव व केरेडारी के नदी तटों व जलाशयों में डेरा डाल दिया है. लगभग एक महीने की लंबी यात्रा कर यहां पहुंचे साइबेरियन पक्षियों के चलते नदी तटों का नजारा बदल गया है. बड़कागांव के डूमारो नदी, दामोदर नदी, हरली तालाब, जुगरा डैम, […]

संजय सागर, बड़कागांव

सात समंदर पार कर आने वाले ‘आकाशीय मेहमानों’ ने बड़कागांव व केरेडारी के नदी तटों व जलाशयों में डेरा डाल दिया है. लगभग एक महीने की लंबी यात्रा कर यहां पहुंचे साइबेरियन पक्षियों के चलते नदी तटों का नजारा बदल गया है. बड़कागांव के डूमारो नदी, दामोदर नदी, हरली तालाब, जुगरा डैम, पहरा डैम में प्रवासी साइबेरियन पक्षी अपना बसेरा बनाये हुए हैं, जो काफी रमणीक लगता है.

डूमारो नदी, पहरा डैम, जुगरा डैम के तीन ओर से घिरा हुआ पहाड़ी श्रृंखला एवं पहाड़ों से नदियों में गिरते झरने एवं जुगरा डैम में अठखेलियां करते साइबेरियन पक्षी से क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बन गया है. लोगों का कहना है कि साइबेरियन पक्षियों के आने से बारिश का शगुन बनता है.

हर साल कहां से आते हैं ये पक्षी

ये पक्षी रुस के साइबेरिया इलाके से आते हैं. इन्हें साइबेरियन पक्षी कहते हैं. ये बड़कागांव, केरेडारी क्षेत्र में सैकड़ो की संख्या में नजर आते हैं. ये ऐसे पक्षी हैं जो हवा में उड़ते हैं और पानी में भी तैरते हैं. सफेद रंग के इन पक्षियों की चोंच और पैर नारंगी रंग के होते हैं. ज्ञात हो कि साइबेरिया बहुत ही ठंडी जगह है. जहां नवंबर से लेकर मार्च तक तापमान जीरो डिग्री से बहुत नीचे चला जाता है.

इस तापमान में इन पक्षियों का जिंदा रह पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसीलिए ये पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आते हैं. बड़कागांव के साथ-साथ झारखंड के अन्य शहरों में साइबेरिया की तुलना में बहुत कम ठंड पड़ती है और पहाड़ी क्षेत्र इन पक्षियों के जीवित रहने के लिए अच्छा माहौल तैयार करता है. इसलिए साइबेरियन पक्षी यहां आते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें