संजय सागर, बड़कागांव
बड़कागांव प्रखंड के ग्राम चुरचू में विभिन्न मांगों को लेकर एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह कोल माइंस एवं त्रिवेणी सैनिक लिमिटेड के विरुद्ध धरना दे रहे भूरैयतों से मिलने डीसी भुवनेश प्रताप सिंह व पुलिस अधीक्षक (एसपी) मयूर पटेल धरना स्थल पर पहुंचे. धरना दे रहे किसानों से दोनों अधिकारियों ने धरना समाप्त करने का आग्रह किया. लेकिन किसानों द्वारा मांग किये जाने पर कोई हल नहीं निकला. अंततः वार्तालाप विफल रहा. धरना प्रदर्शन जारी है.
डीसी भोले प्रताप सिंह ने भुरेयतों से कहा कि सरकारी नियमाकुल जिनकी दो एकड़ जमीन अधिग्रहण की गयी है, उन्हीं को नौकरी दी जायेगी. फिलहाल डंप को चालू किया जाए. 13 जनवरी को पांच सदस्यीय टीम हजारीबाग कार्यालय में आकर वार्तालाप करे. हल निकाला जायेगा.
इस पर ग्रामीणों ने कहा कि 13 जनवरी को हम लोग नहीं आ सकते तो डीसी ने कहा कि दो-चार दिन बाद आप अवश्य आ जाए और धरना को समाप्त करें. डीसी के बातों को सुनते हुए ग्रामीणों ने कहा कि बाहरी लोगों को जमीन अधिग्रहण नहीं हुई है, तो उन्हें नौकरी क्यों दी गयी है. इस पर डीसी ने कहा कि जांच करवाकर उन्हें निकाला जायेगा. नौकरी अब कंपनी नहीं दे सकती है. बल्कि लेबर कोर्ट द्वारा नौकरी दी जायेगी. इस दौरान एसपी मयूर पटेल भी वहां मौजूद थे.
विधायक अंबा प्रसाद के भाई अंकित राज ने कहा कि मोबिलाइजेशन फोर्स पर रोक लगायी जाए. त्रिवेणी सैनिक कंपनी ने असामाजिक तत्व को एकत्र कर मोबिलाइजेशन फोर्स बनाया है. इन्हीं के बलबूते जबरन उत्खनन का कार्य कर रही है. सरकारी नियम का उल्लंघन कर त्रिवेणी सैनिक उत्खनन कर रही है. इसलिए त्रिवेणी सैनिक को उत्खनन करने से रोका जाए. 90 फीसदी विस्थापितों को एवं स्थानीय लोगों को नौकरी दिया जाए. अंकित राज ने यह भी कहा कि हमारी मांगे नहीं पूरी होगी तो 5000 विस्थापित मुख्यमंत्री के पास जाकर न्याय की मांग करेंगे.
ग्रामीणों का कहना है कि बिना मुआवजा दिये ही कंपनी द्वारा रैयती जमीन पर ओबी डंप किया जा रहा है. एनटीपीसी के द्वारा हमारी जमीन ली जा रही है. उसी कंपनी में हमारे सभी भू रैयतों को नौकरी देने का प्रबंध किया जाए. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.