हजारीबाग. सार्वजनिक दुर्गापूजा पंडाल कोर्रा में भक्तों की मन्नत पूरी होती है. भक्त इसे शक्तिपीठ मानते हैं. मंडप में नवमी को बकरे की बली दी जाती है. नवरात्र के साथ ही मंडप में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है. दुर्गापूजा महासमिति कोर्रा में 65 सालों से मां शेरेवाली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा हो रही है. 1949 में पहली बार दुर्गामंडप में भगवती दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी. इस वर्ष भी महासमिति भव्य पंडाल बना रही है.
महासमिति के प्रवक्ता अनिल गुप्ता ने बताया कि पहले कोर्रा के छोटा मंडप में मां की आराधना होती थी. समय के साथ इसमें बदलाव हुआ. महासमिति ने 2001 में भव्य पंडाल बना कर आराधना की शुरुआत की. कोर्रा के युवकों व व्यवसायियों ने काफी सहयोग किया. अध्यक्ष रणधीर कुमार ने बताया कि इस वर्ष राजस्थान के लक्ष्मी नारायण मंदिर का प्रारूप तैयार किया जा रहा है. सचिव रवि गुप्ता ने बताया कि पूजा में तोपचांची का धाक आकर्षण का केंद्र होगा. पंडाल से करीब 500 मीटर की परिधि में विशेष रोशनी की व्यवस्था की गयी है. जिससे भक्तों को कोई परेशानी न हो. कोषाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि प्रतिमा की सज्ज के लिए कोलकाता से विशेष कारीगर को बुलाया गया है, जो अपने-आप में अनोखा होगा.