उत्पादन से लेकर संप्रेषण कार्य ठप

पांच दिवसीय हड़ताल का कोयलांचल में दिखा व्यापक असर चरही : कोल इंडिया की पांच दिवसीय हड़ताल के पहले दिन हजारीबाग कोयलांचल क्षेत्र के सभी परियोजनाओं में सन्नाटा पसरा रहा. श्रमिक नेता सुबह से ही अपने-अपने संगठन के बैनर और झंडे लेकर परियोजनाओं में पहुंच गये. मजदूर भी उनका साथ देकर हड़ताल में शामिल हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2015 11:10 AM
पांच दिवसीय हड़ताल का कोयलांचल में दिखा व्यापक असर
चरही : कोल इंडिया की पांच दिवसीय हड़ताल के पहले दिन हजारीबाग कोयलांचल क्षेत्र के सभी परियोजनाओं में सन्नाटा पसरा रहा. श्रमिक नेता सुबह से ही अपने-अपने संगठन के बैनर और झंडे लेकर परियोजनाओं में पहुंच गये.
मजदूर भी उनका साथ देकर हड़ताल में शामिल हो गये. पहली बार कोल इंडिया में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. किसी भी परियोजना में उत्पादन कार्य नहीं हुआ. रोड सेल से लेकर विभिन्न पावर हाउस में कोयले की ढुलाई नहीं हो पायी. सिर्फ अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में उपस्थित रहे.
यहां तक की तापिन परियोजना पदाधिकारी आरडी सिंह, प्रबंधक अशोक कुमार अपने कई सहकर्मियों के साथ मिल कर खदान क्षेत्रों में पानी का छिड़काव पंप चला कर करते दिखे. सीएमडी गोपाल सिंह ने पत्र के माध्यम से सारे श्रमिकों को हड़ताल में नहीं जाने की अपील की थी. हड़ताल से कंपनी के साथ देश का नुकसान बताया था. इसके बावजूद श्रमिकों ने हड़ताल पर जाकर श्रमिक संगठनों की बात मान कर संगठन के प्रति मजबूती का परिचय दिया है.
अब नो वर्क नो पे के आधार पर हड़ताली कर्मियों के वेतन काटे जायेंगे. वहीं श्रमिक संगठन से जुड़े नेताओं ने पहले दिन के हड़ताल को सफल मानते हुए केंद्र सरकार के गलत नीतियों को अविलंब वापस करने की मांग की है. हड़ताल को समर्थन देने वालों में मुख्य रूप से भामस के क्षेत्रीय सचिव शंकर सिंह, द्वारिका सिंह उर्फ खोखा सिंह, तृपित नारायण सिंह, रामलखन सिंह, बालेश्वर महतो, बलभद्र दास, लक्ष्मी सिंह, बीडी सिंह, बसंत प्रसाद, दिलीप सिंह सहित कई श्रमिक नेता शामिल हैं.

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