हजारीबाग.
झारखंड के तीन जिले के 27 प्रवासी मजदूर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे हैं. प्रवासी मजदूर वीडियो वायरल कर राज्य और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगायी है. मजदूरों ने अपने वीडियो में कहा है कि उनके पास खाने के लिए मुट्ठी भर अनाज तक उपलब्ध नहीं है. चार महीने तक काम करने के बाद विदेश ले जानेवाली कंपनी ने एक रुपये मजदूरी नहीं दी है. मजदूरों के पास परिजनों से बात करने के लिए मोबाइल तक रिचार्ज नहीं हो पा रहा है.29 मार्च 2024 को गये थे मजदूर :
मजदूरों ने बताया कि झारखंड राज्य के तीन जिलों से दिशा एलएनटी नामक कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका में काम करने के लिए ले गयी थी. मजदूरों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने हमलोगों को दक्षिण अफ्रीका के ठेका कंपनी को दे दिया. ठेका कंपनी ने हमलोगों को एक भी पैसा नहीं दी है. जबकि हमलोग चार माह से काम कर रहे हैं. कंपनी द्वारा मजदूरों को न खाने का खर्च दिया जा रहा है न ही मजदूरी दी जा रही है. अब हमलोग मुश्किल में फंस गये हैं.कैमरून में फंसे मजदूरों की सूची :
प्रवासी मजदूरों में काम करने वाले संगठन के सिकंदर अली ने बताया कि विष्णुगढ़ के अचलजामो के विशुन, जोबर के टेकलाल महतो, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, चानो के चिंतामन महतो, गिरिडीह सरिया चिचकी के सुकर महतो, डुमरी के अतकी निवासी रमेश महतो, विजय कुमार महतो, उतपनिया के दौलत कुमार महतो, बोकारो जिला के नारायणपुर थाना के कडरूफुटा गांव के मोहन महतो, डेगलाल महतो, गोविंद महतो, चुरामन महतो, जगदीश महतो, मुरारी महतो, लखी राम, कुशन महतो, गोनियाटो के कमलेश कुमार महतो, महेश कुमार महतो, दामोदर महतो, मुकुल कुमार नायक, नारायणपुर के परमेश्वर महतो, धवैया के अनु महतो, धनेश्वर महतो, राली बेड़ा के शीतल महतो, कुलदीप हांसदा के नाम शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है