सरकारी स्कूल के बच्चों को नहीं मिली पोशाक

हजारीबाग : सभी सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूल (कक्षा एक से आठ तक) में ड्रेस (पोशाक) का वितरण करना है. 17 फरवरी को डीएसइ शिवेंद्र कुमार ने इस संबंध में आदेश निकाला है. लेकिन एक माह बित जाने के बाद भी स्कूली बच्चों को पोशाक नहीं मिली है. झारखंड शिक्षा परियोजना पोशाक की राशि खर्च […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 7:10 AM
हजारीबाग : सभी सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूल (कक्षा एक से आठ तक) में ड्रेस (पोशाक) का वितरण करना है. 17 फरवरी को डीएसइ शिवेंद्र कुमार ने इस संबंध में आदेश निकाला है. लेकिन एक माह बित जाने के बाद भी स्कूली बच्चों को पोशाक नहीं मिली है. झारखंड शिक्षा परियोजना पोशाक की राशि खर्च करेगी. यह राशि जिले भर के सभी 1605 स्कूलों के विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में दे दी गयी है.
दो-दो सेट मिलेगी पोशाक : वर्ग एक से पांच तक के बालक को हाफ पैंट व शर्ट मिलेगा. इसी वर्ग की बालिकाओं को स्कर्ट व शर्ट देना है. वर्ग छह से आठ तक के बालक को फुलपैंट और शर्ट तथा बालिकाओं को सलवार समीज व दुपट्टा देना है. सभी बच्चों को दो-दो सेट ड्रेस मिलेगा.
समिति करेगी पोशाक की खरीदारी : डीएसइ के पत्र में निर्देश है कि विद्यालय में गठित विद्यालय प्रबंधन समिति एवं ग्राम शिक्षा समिति की आम सहमति से पांच-छह सदस्यों की क्रय समिति बनानी है. यही समिति गुणवत्त कपड़े की खरीदारी रजिस्टर्ड दुकान से करेगी. खरीदारी का पक्का बिल लेना है. वाणिज्य कर विभाग हजारीबाग अंचल को वैट की राशि भुगतान करनी है.
लापरवाही पर होगी कार्रवाई : बच्चों को ड्रेस देने में इन बातों का ध्यान रखना है. बच्चों के ड्रेस का नाप सही करना है. कपड़े का रंग, कपड़े की गुणवत्ता, कपड़े का डिजाइन एवं उसकी सिलाई पर ध्यान देना है. बच्चों को मापी के अनुसार ड्रेस मिले. उसे सहज ढंग से कपड़ा बन जाये. किसी प्रकार की लापरवाही पर डीएसइ के पत्र में निर्देश है कि विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संयोजक एवं सदस्य पर कठोर कार्रवाई होगी.
बीइइओ कर रहें हैं मॉनेटरिंग : एक-एक सेट पोशाक देने, किसी भी स्तर पर लिपापोती करने, दबाव डालने, प्रभावित करने, ड्रेस देने में विलंब एवं टाल-मटोल की नीति को गंभीरता से लिया जायेगा. सभी बीइइओ को डीएसइ ने जिम्मेवार बनाया है. डीएसइ ड्रेस वितरण की मॉनेटरिंग कर रहे हैं.
इन विद्यालयों ने ड्रेस नहीं खरीदा : मध्य विद्यालय सलगा, उत्क्रमित मवि कुठान केरेडारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पेलावल हिंदी, मवि बानाहप्पा सदर, मवि बरही, प्रावि बाबूबलिया बड़कागांव, प्रावि धरहरा कटकमसांडी विद्यालय प्रबंधन ने कार्यालय को सूचित किया है कि विद्यार्थियों के अनुपात में उन्हें कम राशि उपलब्ध करायी गयी है जिसके कारण वे अब तक ड्रेस नहीं खरीद सके हैं.
डीएसइ शिवेंद्र कुमार ने कहा : लगभग दो लाख विद्यार्थियों को ड्रेस देने का लक्ष्य है. विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में सात करोड़ 69 लाख रुपये दे दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के 10 दिनों के अंदर बच्चों को ड्रेस नहीं मिलती है तो संबंधित स्कूल सहित विद्यालय प्रबंधन समिति जिम्मेवार होंगे. उन पर कार्रवाई होगी. डीएसइ ने कहा कि ड्रेस नहीं मिलने की शिकायत अभिभावक 9431831528 पर फोन कर कर सकते हैं.

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