50 एकड़ रैयती जमीन का होगा अधिग्रहण
दिल्ली, रांची और हजारीबाग के अधिकारियों की टीम ने नगवां हवाई अड्डा स्थल का सर्वे किया हजारीबाग : केंद्र सरकार हजारीबाग में अंतरराज्यीय हवाई अड्डा बनायेगी. गुरुवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के छह सदस्यीय टीम ने नगवां सिंदूर हवाई अड्डा का निरीक्षण किया. ज्वाइंट जीएम एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट बीके मिश्र, आर्किटेक्ट विभाग के एजीएम मार्क […]
दिल्ली, रांची और हजारीबाग के अधिकारियों की टीम ने नगवां हवाई अड्डा स्थल का सर्वे किया
हजारीबाग : केंद्र सरकार हजारीबाग में अंतरराज्यीय हवाई अड्डा बनायेगी. गुरुवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के छह सदस्यीय टीम ने नगवां सिंदूर हवाई अड्डा का निरीक्षण किया.
ज्वाइंट जीएम एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट बीके मिश्र, आर्किटेक्ट विभाग के एजीएम मार्क एक्का, एयरपोर्ट अथॉरिटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डीजीएम राजीव जैन, प्लानिंग विभाग के एस श्रीकुमार, एयर ट्रैफिक विभाग के मैनेजर अजय कुमार सिंह, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के डायरेक्टर राजीव राघवेंद्र, टेक्नीकल असिस्टेंट देवाशीष शुक्ला, कैप्टन एमके चौधरी शामिल थे. अधिकारियों ने हवाई सर्वे व जमीनी निरीक्षण के बाद हवाई अड्डा बनाने के लिए इस जगह को उपयुक्त बताया.
50 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा : नगवां हवाई अड्डा में अंतरराज्यीय उड़ान के लिए हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के लिए करीब 97 एकड़ जमीन की जरूरत है. जिला प्रशासन ने 1944 में 37 एकड़ जमीन हवाई अड्डा के लिए अधिग्रहण किया है. करीब 50 एकड़ रैयती जमीन इस निर्माण के लिए अधिग्रहण किया जायेगा. हजारीबाग– पटना रोड एनएच 33 नगवां सिंदूर हवाई अड्डा मैदान में 72 सीट वाले हवाई जहाज की क्षमता वाला रनवे तैयार होगा.
छह हजार स्क्वायर फीट (90 एकड़) जमीन हवाई अड्डा के लिए इस्तेमाल होगा. हवाई अड्डा बनाने के लिए केंद्र सरकार राशि खर्च करेगी. झारखंड में केंद्र सरकार पांच अंतरराज्यीय हवाई अड्डा विस्तार करने का निर्णय लिया. इसमें हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर और देवघर का नाम शामिल है.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नगवां हवाई अड्डा का हवाई सर्वे किया : हवाई अड्डा निर्माण के लिए झारखंड सरकार के नागर विमानन के सचिव सजल चक्रवर्ती व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के छह सदस्यीय टीम ने हवाई सर्वे किया.
सर्वे के बाद पूरब, पश्चिम पर हवाई अड्डा के लिए रनवे बनाने के जगह को उपयुक्त बताया. प्राधिकरण के सदस्यों ने कहा कि कनहरी हील दक्षिण में होने के कारण रनवे उत्तर–दक्षिण में नहीं बनाया जा सकता.
जिला प्रशासन से अड़चन दूर करने को कहा : प्राधिकरण के सदस्यों ने कहा कि जगदीशपुर गांव के पास पावर ग्रिड लाइन को शिफ्ट करने की जरूरत पड़ेगी. चुरचू, नगवां नाले को भरना होगा. नगवां हवाई अड्डा में स्थित अवैध क्रशर व निर्माण को हटाने की जरूरत है. प्रस्तावित हवाई पट्टी निर्माण के क्षेत्र में कुछ रैयती जमीन, मोबाइल टॉवर व घरों को हटाया जायेगा.
हवाई अड्डे के बीच से गुजरा हुआ 33 केवीए लाइन को भी शिफ्ट किया जायेगा. जिला प्रशासन की ओर से डीसी सुनील कुमार, एसपी मनोज कौशिक, एसडीओ राजीव रंजन, अपर समाहर्ता रंजन चौधरी, एलआर डीसी गौरांग महतो, सीओ शैलेश कुमार ने दिल्ली व रांची से आये अधिकारियों के निर्देश को सुना.
झारखंड सरकार के नागर विमानन विभाग के सचिव सजल चक्रवर्ती ने कहा कि अंतरराज्यीय उड़ान के लिए नगवां हवाई पट्टी काफी उपयुक्त है. इस हवाई पट्टी में कोई भी बड़ा निर्माण कार्य नहीं हुआ है. सरकार पहले ही 2007 गुणा 900 स्क्वायर फीट जमीन अधिग्रहण कर चुकी है.
शेष जमीन को अधिग्रहण करने में कोई खास दिक्कत नहीं है. इस हवाई पट्टी के जमीन को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद ही हवाई अड्डा का निर्माण कार्य शुरू होगा.