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वारंटी हैं कृषि मंत्री योगेंद्र साव

रांची/हजारीबाग : झारखंड के कृषि मंत्री योगेंद्र साव वारंटी हैं. केरेडारी थाना कांड संख्या 33/2012 में दिव्या मिश्र की अदालत ने 20 मार्च को उनके खिलाफ वारंट जारी किया है. मामले में 27 जुलाई को अदालत से इश्तेहार भी जारी हुआ है. जानकारी के अनुसार, मंत्री श्री साव ने इस मामले में अग्रिम जमानत के […]

रांची/हजारीबाग : झारखंड के कृषि मंत्री योगेंद्र साव वारंटी हैं. केरेडारी थाना कांड संख्या 33/2012 में दिव्या मिश्र की अदालत ने 20 मार्च को उनके खिलाफ वारंट जारी किया है. मामले में 27 जुलाई को अदालत से इश्तेहार भी जारी हुआ है.

जानकारी के अनुसार, मंत्री श्री साव ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका भी दायर नहीं की है. कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, वारंटी को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. जनप्रतिनिधि होने के नाते योगेंद्र साव की जिम्मेवारी है कि वह सरेंडर कर जमानत लें. पुलिस सुरक्षा के बीच श्री साव का घूमना संवैधानिक मशीनरी फेल होने समान है.

28 मई 2012 का है मामला : मामला 28 मई 2012 का है. हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त डॉ मनीष रंजन केरेडारी प्रखंड में विकास कार्य और एनटीपीसी के कार्यो का निरीक्षण करने गये थे. इसी दौरान महिलाओं ने डीसी के केरेडारी प्रवेश पर विरोध किया था.

पुलिस द्वारा बल प्रयोग लाठी चार्ज करने पर महिलाओं ने प्रदर्शन कर सड़क जाम कर दी थी. डीसी के काफिले पर पथराव का भी आरोप लगा था. इस घटना को लेकर केरेडारी थाने में मामला दर्ज हुआ था.

इसमें योगेंद्र साव समेत 24 लोगों को नामजद और 80-85 अज्ञात महिलापुरुष को आरोपी बनाया गया था.

24 अगस्त को लिया था मंत्री पद का शपथ : योगेंद्र साव बड़कागांव से कांग्रेस विधायक हैं. कांग्रेस कोटे से मंत्री बने हैं. योगेंद्र साव ने 24 अगस्त को मंत्री पद की शपथ ली थी. मामला उनके मंत्री बनने से पहले की है. 28 मई 2012 को उनके खिलाफ केरेडारी थाने में मामला दर्ज किया गया था.

20 मार्च को ही जारी हुआ था वारंट, नहीं ली जमानत

– इश्तेहार भी जारी है उनके खिलाफ

24 अगस्त को ली है मंत्री पद की शपथ

केस में मेरा नाम नहीं है

केस में मेरा नाम नहीं है. इस मामले से मेरा कोई लेनादेना नहीं है. केस की मुङो जानकारी भी नहीं है. मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं है.

योगेंद्र साव, कृषि मंत्री

यह पुलिस की नाकामी

अगर कोई व्यक्ति वारंटी है और उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो यह पुलिस की नाकामी मानी जायेगी. वैसे ऐसे व्यक्ति के मंत्री बनने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है. अगर मंत्री बनने के बाद गिरफ्तारी होती है, तो नैतिक दायित्व के तहत पद छोड़ देना चाहिए.

अल्लाम, वरीय अधिवक्ता

झारखंड हाइकोर्ट

अब क्या हो सकता है

– योगेंद्र साव को सरेंडर कर बेल लेना होगा

– वारंटी को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है

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