गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव समेत उसके 2 सहयोगी हत्या मामले में 5 दोषी करार, एक रिहा

Jharkhand news, Hazaribagh news : गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके 2 गुर्गों की हत्या सिविल कोर्ट परिसर में एके-47 राइफल से करने के चर्चित मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई. इस मामले की सुनवाई में अपर सत्र न्यायाधीश-6 (Additional Sessions Judge 6) अमित शेखर की कोर्ट ने 5 अभियुक्तों को दोषी करार दिया. इनमें गैंगस्टर किशोर पांडेय गिरोह के विकास तिवारी, संतोष पांडेय, विशाल सिंह, राहुल देव पांडेय और दिलीप साव को धारा 302, 12बी, 353, 341-34, आर्मस एक्ट की धारा-25, 27, विस्फोटक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया गया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2020 8:13 PM

Jharkhand news, Hazaribagh news : हजारीबाग (परवेज आलम) : गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके 2 गुर्गों की हत्या सिविल कोर्ट परिसर में एके-47 राइफल से करने के चर्चित मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई. इस मामले की सुनवाई में अपर सत्र न्यायाधीश-6 (Additional Sessions Judge 6) अमित शेखर की कोर्ट ने 5 अभियुक्तों को दोषी करार दिया. इनमें गैंगस्टर किशोर पांडेय गिरोह के विकास तिवारी, संतोष पांडेय, विशाल सिंह, राहुल देव पांडेय और दिलीप साव को धारा 302, 12बी, 353, 341-34, आर्मस एक्ट की धारा-25, 27, विस्फोटक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया गया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

एपीपी भरत राम ने बताया कि यह मामला सदर थाना कांड संख्या 602-15 से संबंधित है. इस मामले में 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें 5 को दोषी पाया गया है. एक आरोपी शंभु तिवारी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया, जबकि दीपक साव फरार चल रहा है.

क्या है मामला

2 जून, 2015 की सुबह 11 बजे गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके 2 गुर्गों को जेपी केंद्रीय कारा (Jp central jail) से पेशी के लिए हजारीबाग सिविल कोर्ट (Hazaribagh Civil Court) लाया गया था. यहां पहले से घात लगाये 3 अपराधकर्मी एके-47 राइफल से कोर्ट परिसर में प्रवेश किया. इन्होंने सुशील श्रीवास्तव के कोर्ट में पहुंचते ही अंधाधुंध गोलियां चलायीं, जिससे कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गयी. वकील और मुवक्किल जान बचाने के लिए भागने लगे. अपराधियों की गोलीबारी से सुशील श्रीवास्तव, रियाज खान और कमाल बुरी तरह से घायल हो गये थे, जिन्हें सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.

Also Read: स्थायीकरण की मांग को लेकर चाईबासा से अनुबंध सहायक पुलिस कर्मी पैदल निकले रांची, पुलिस ने खूंटपानी में रोका
सिविल कोर्ट में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था

गैंगवार से संबंधित मामले की सुनवाई को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह एलर्ट था. पूरे परिसर को छावनी में बदल दिया गया था. सभी 4 मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया था. परिसर के बाहर आसपास सडक एवं चौराहों पर पुलिस की सख्त निगरानी थी. हर आने जानेवालों की गहन तलाशी ली जा रही थी. सुनवाई के बाद जैसे ही कैदी वाहन अभियुक्तों को लेकर वापस जेल के लिए कोर्ट परिसर से निकला, सुरक्षाकर्मियों ने राहत की सांस ली.

गैंगवार में हुई थी हत्या

तत्कालीन डीआइजी उपेंद्र सिंह (DIG Upendra Singh) ने इस घटना के संबंध में बताया था कि हजारीबाग और रामगढ़ के कोयलांचल में वर्चस्व को लेकर किशोर पांडेय गिरोह और सुशील श्रीवास्तव के बीच गैंगवार की घटना होती रही है. भोला पांडेय की हत्या के बाद सुशील श्रीवास्तव का गिरोह कोयलांचल में सक्रिय हो गया था, जो किशोर पांडेय के लिए एक चुनौती बन गयी थी. इस वर्चस्व की लड़ाई में किशोर पांडेय गिरोह ने सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड को अंजाम दिया था.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version