आयोजन : सिविल कोर्ट परिसर में लगायी गयी राष्ट्रीय लोक अदालत : 47 करोड़ 64 लाख 35 हजार 493 रुपये राजस्व की प्राप्ति हजारीबाग. सिविल कोर्ट परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगी. इसका उदघाटन झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से ऑनलाइन किया गया. उदघाटन के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार, कुटुंब न्यायाधीश मार्तंड प्रताप मिश्र, श्रम न्यायाधीश दिनेश राय, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजकुमार राजू समेत कई न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता मौजूद थे. राष्ट्रीय लोक अदालत में 50 हजार मामलों का हुआ निष्पादन : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से 50 हजार 100 मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें 47 करोड़ 64 लाख 35 हजार 493 रुपये का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ. मामला निबटारा के लिए 11 बेंच बनाये गये थे. बेंचों के माध्यम से बैंक रिकवरी के 553 मामले, सुलहनीय अपराध के 375, बिजली विभाग के 372, भू-अर्जन के 800, श्रम विवाद के छह, मोटरवाहन दुर्घटना दावा के 16, वैवाहिक विवाद के 23, सिविल के 63, पानी व अन्य टैक्स से संबंधित 217, चेक बाउंस के 105, वित्तीय संबंधी 1392 के मामले सलटाये गये. प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने कहा कि मामलों का त्वरित और नि:शुल्क निष्पादन के लिए लोक अदालत सबसे उत्तम माध्यम है. इसमें दोनों पक्ष आपसी सुलह समझौता के आधार पर मुकदमों को सुलझाने के लिए राजी होते हैं. इसमें न किसी की जीत होती है न किसी हार होती है. उन्होंने इस व्यवस्था को अधिक से अधिक अपनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसका प्रचार-प्रसार सुदूरवर्ती इलाकों में करने की आवश्यकता है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार राजू ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कोई मुकदमा अपने बच्चों के लिए छोड़ कर नहीं जाना चाहिए. लोक अदालत के माध्यम से उन मुकदमों को सुलझायें. भविष्य में बच्चाें को कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़े. सचिव गौरव खुराना ने राष्ट्रीय लोक अदालत में सेवा देने वाले न्यायिक पदाधिकारी, न्यायालय कर्मी, अधिवक्ता एवं विभागों के अधिकारियों व पक्षकारों के प्रति आभार जताया.
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