20 वर्ष में भी नहीं बना बरही मेगा ग्रोथ सेंटर
– जावेदइसलाम – रोजी–रोजगार व विकास की संभावना पर पानी फिरा बरही : बरही में मेगा ग्रोथ सेंटर के निर्माण की योजना दो दशक के बाद भी जमीन पर साकार नहीं हो पायी है. यहां उद्योगों के लिए ग्रोथ सेंटर का निर्माण किया जाना था. इसके लिए वर्ष 1992-93 में बरही प्रखंड के कोनरा मौजा […]
– जावेदइसलाम –
रोजी–रोजगार व विकास की संभावना पर पानी फिरा
बरही : बरही में मेगा ग्रोथ सेंटर के निर्माण की योजना दो दशक के बाद भी जमीन पर साकार नहीं हो पायी है. यहां उद्योगों के लिए ग्रोथ सेंटर का निर्माण किया जाना था. इसके लिए वर्ष 1992-93 में बरही प्रखंड के कोनरा मौजा में किसानों की खेतीवाली 525 एकड़ जमीन ली गयी थी. औद्योगिक ग्रोथ सेंटर में मंझोले व लघु स्तर की 300 औद्योगिक इकाई लगायी जानी थी.
कल–कारखानों के निर्माण से पहले अधिग्रहीत भूमि पर सड़क, पानी, बिजली सहित अन्य आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाना था. आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए रियाडा को उस समय 30 करोड़ की राशि भी केंद्र सरकार ने उपलब्ध करायी थी.मालूम हो कि औद्योगिक ग्रोथ सेंटर की योजना केंद्र सरकार ने दी थी.
तत्कालीन बिहार को उस समय केंद्र सरकार से दो औद्योगिक ग्रोथ सेंटर के निर्माण की योजना मिली थी. एक बरही में लगाया जाना था, दूसरा मुजफ्फरपुर में. बरही औद्योगिक सेंटर स्थापित करने का जिम्मा रियाडा को था. हजारीबाग जिला अपर समाहर्ता ने इसके लिए भूमि अजिर्त कर 17 सितंबर 1996 को रियाडा को हस्तांतरित कर दिया था, मगर रियाडा ने हासिल भूमि पर निर्माण के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगा पाया है.
पीपीपी मोड भी काम न आया
झारखंड राज्य के गठन के बाद थोड़ी सुगबुगाहट जरूर दिखी थी. उस समय रियाडा के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार ने बरही औद्योगिक सेंटर निर्माण का ब्लू प्रिंट तैयार कर केंद्रीय औद्योगिक वित्त निगम के आलाधिकारियों के साथ बरही आये थे. प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया था.
तब श्री पुरवार ने कहा था कि ग्रोथ सेंटर का निर्माण अब प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड के तहत होगा. निर्माण शीघ्र किया जायेगा, मगर अब तक बरही औद्योगिक ग्रोथ सेंटर की योजना धरी की धरी है. कल–कारखाने की एक भी इकाई स्थापित नहीं की गयी. आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं हुआ. अधिकांश भूमि बंजर पड़ी है.
सरकार ने जिंफ्रा को वर्ष 2010-11 में पीपीपी मोड में इसे डेवलप करने के लिए कंसटेंट के रूप में नियुक्त किया था. इधर, ग्रोथ सेंटर के लिए अजिर्त भूमि का एक एनएचआइ को दे दिया. एनएचएआइ ने उस पर फोर लेन जीटी रोड बरही बाइपास का निर्माण कर लिया है. इसके बाद वर्ष 2009 में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन 203 को हेडक्वार्टर निर्माण के लिए 101 एकड़ 50 डिसमिल जमीन दे दी गयी. उद्योग की जमीन पर कोबरा बटालियन स्थापित हो गयी है.
दिखाये गये सब्जबाग
बरही में औद्योगिक ग्रोथ सेंटर निर्माण की योजना से इस क्षेत्र में उद्योग–धंधे के विकास व रोजगार के अवसर की जो उम्मीद जगी थी, वह लगभग समाप्त हो चुकी है. लोगों ने सोचा था कि ग्रोथ सेंटर इस क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने व पलायन पर रोक लगाने में कारगर साबित होंगे.
लगनेवाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को काम मिलेगा. इसके चलते आसपास रोजगार के अन्य अवसर उत्पन्न होंगे. ग्रोथ सेंटर में स्थानीय उद्यमियों को उद्योग–धंधा लगाने का अवसर मिलेगा. यही नहीं, क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन व विस्तार मिलेगा. रियाडा के अधिकारियों ने भी जमीन लेते समय भूमि मालिकों व स्थानीय लोगों को इसी प्रकार के काफी सब्जबाग दिखाये थे.