रेंजर को विधायक पुत्र व मुखिया ने पीटा
चोरी होने की सूचना दिये जाने के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई चौपारण : सामाजिक वाणिकी के रेंजर अनिल कुमार सिंह ने विधायक पुत्र एवं मुखिया सहित चार लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया है. घटना शुक्रवार रात करीब नौ बजे की है. इस संबंध में श्री सिंह ने बरही विधायक उमाशंकर अकेला […]
चोरी होने की सूचना दिये जाने के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
चौपारण : सामाजिक वाणिकी के रेंजर अनिल कुमार सिंह ने विधायक पुत्र एवं मुखिया सहित चार लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया है. घटना शुक्रवार रात करीब नौ बजे की है.
इस संबंध में श्री सिंह ने बरही विधायक उमाशंकर अकेला यादव के पुत्र रवि शंकर अकेला, चैथी पंचायत के मुखिया गुलाबी यादव,अशोक यादव एवं एक अन्य व्यक्ति पर मारपीट का आरोप लगाया है. इस संबंध में चौपारण थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है.
क्या है मामला : रेंजर द्वारा दिये गये आवेदन में कहा गया है कि डोमाडाडी में वन विभाग का स्थायी पौधशाला है. पौधशाला के घेरान का एंगल, जो लोहे का होता है, एक सप्ताह से कुछ लोगों द्वारा चुरा कर कबाड़ी में बेचा जा रहा था. शुक्रवार की रात माली बालेश्वर मरांडी ने पौधशाला का एंगल चुरा कर बेचते हुए प्रदीप यादव को रंगेहाथ पकड़ लिया, जबकि प्रदीप का एक सहयोगी भागने में सफल हो गया.
गिरफ्तार प्रदीप यादव को पुलिस के हवाले करने के लिए आवेदन लिखा जा रहा था. इसी बीच विधायक पुत्र, मुखिया व अन्य लोग वन विभाग के कार्यालय पहुंचे और प्रदीप यादव को छोड़ने का दबाव बनाने लगे. विरोध करने पर वे लोग मारपीट करने लगे और प्रदीप को साथ ले गये.
कौन हैं अनिल कुमार सिंह : अनिल कुमार सिंह झारखंड प्रदेश वन क्षेत्र पदाधिकारी संघ के प्रदेश महासचिव हैं. चौपारण में सामाजिक वाणिकी के रेंजर के पद पर कार्यरत हैं.
आरोप गलत : इधर चैथी पंचायत के मुखिया गुलाबी यादव ने कहा है कि सूचना पर जन प्रतिनिधि होने के नाते मामले की जानकारी लेने गया था. रेंजर ने गोपनीय बात बता कर लौटा दिया. इधर विधायक पुत्र रवि शंकर अकेला ने कहा है कि आरोप गलत है. उन्होंने रेंजर के साथ मारपीट नहीं की है. उन्हें राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाने का काम किया जा रहा है.
28 को मिली थी सूचना : अनिल कुमार सिंह ने कहा कि पौधशाला में एंगल चोरी होने की सूचना 28 नवंबर को ही पुलिस को दी गयी थी. इस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने यदि कार्रवाई की होती, तो शायद यह घटना नहीं घटती.