झील में मरी पड़ी हैं मछलियां

दुर्दशा. शहर के नालों से हो रहे बहाव को नहीं रोका गया, झील हुई दूषित हजारीबाग में छोटा झील दूषित हो चुकी है. दो दिनों से झील में मछलियों का मरना जारी है. मत्स्य विभाग की ओर से मछलियों को बचाने के प्रयास किये गये, लेकिन सफलता नहीं मिली. झील में शहर के नालों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2016 2:04 AM
दुर्दशा. शहर के नालों से हो रहे बहाव को नहीं रोका गया, झील हुई दूषित
हजारीबाग में छोटा झील दूषित हो चुकी है. दो दिनों से झील में मछलियों का मरना जारी है. मत्स्य विभाग की ओर से मछलियों को बचाने के प्रयास किये गये, लेकिन सफलता नहीं मिली. झील में शहर के नालों का पानी मिल रहा है, जिस कारण यह स्थिति हुई है.
हजारीबाग : शहर के छोटे झील में मंगलवार को दूसरे दिन भी मरी हुई मछलियां पायी गयीं.
सुबह सैर सपाटा के लिए निकले लोगों गंदे पानी में और झील की सतह पर मरी हुई मछलियों को देखा. बताया जाता है कि झील का पानी जहरीला और प्रदूषित हो चुका है.
मत्स्य विभाग की ओर से सोमवार को ही चूना और पोटेशियम परमेगनेट का घोल झील में डाला गया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. विशेषज्ञों के मुताबिक पानी में अम्लीय मात्रा काफी बढ़ गयी है. वहीं पानी के अंदर घूलित ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो गयी है. मछलियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में मछलियों की मौत हो रही है.
चार नाले के पानी से झील हुई दूषित: शहर के सबसे स्वच्छ पर्यटन स्थलों में छोटा झील कों जाना जाता था, लेकिन अब इस झील की तसवीर बदल चुकी है. झील का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है. इस झील में रिहायशी इलाकों से निकलनेवाले गंदा पानी का समावेश हो रहा है. ऐसी स्थिति में यदि इस पर गंभीरता नहीं बरती गयी, तो झील की स्थिति और भी बदतर हो सकती है.
नये ड्रेनेज निर्माण की आवश्यकता: शहर के झील को बचाने के लिए रिहायशी इलाकों व आसपास के नालियों से होनेवाले गंदे पानी के बहाव को रोकना होगा. नाली के बहाव को श्रृंखलाबद्ध कर किसी अन्य स्थान तक ले जाना होगा. ऐसा करने से झील को बचाया जा सकता है.
इसके लिए प्रशासनिक पहल की आवश्यकता है.स्थानीय लोगों के अनुसार झील को बचाने की जरूरत है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों को सामने आना होगा. यदि झील को इस हाल पर छोड़ दिया गया, तो आनेवाले समय में झील और अधिक दूषित हो सकती है. इसका खामियाजा आमलोगों को उठाना पड़ेगा.लोगों के अनुसार प्रशासन यदि गंभीरता से पहल करे तो झील को सुंदर बनाया जा सकता है.
प्रशासन नहीं हुआ गंभीर
झील में चार नाले से दूषित पानी का समावेश होता है. नूरा मुहल्ला, पुलिस लाइन मुहल्ला, डीवीसी चौक के नाले और जिला स्कूल त्रिमूर्ति की ओर से आनेवाले नाले का पानी झील में गिरता है. इन नालियों में मरे हुए मवेशी तक मिलते हैं. इन नालियों से आनेवाले पानी को रोकने का कभी प्रयास नहीं किया गया. नतीजा यह हुआ कि झील का पानी दूषित होता चला गया.

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