एक अप्रैल से लागू होगा सिंगल विंडो सिस्टम
कोनार महोत्सव . मेक इन हजारीबाग में तलाशी गयी उद्योग व रोजगार की संभावना कोनार महोत्सव के दूसरे दिन ‘मेक इन हजारीबाग’ विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ. इसमें हर स्तर पर उद्योग लगाने और बढ़ाने पर लोगों ने अपने विचार रखे. इसमें पर्यटन, कृषि एवं कोयला आधारित उद्योग लगाने पर जोर दिया गया. हजारीबाग […]
कोनार महोत्सव . मेक इन हजारीबाग में तलाशी गयी उद्योग व रोजगार की संभावना
कोनार महोत्सव के दूसरे दिन ‘मेक इन हजारीबाग’ विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ. इसमें हर स्तर पर उद्योग लगाने और बढ़ाने पर लोगों ने अपने विचार रखे. इसमें पर्यटन, कृषि एवं कोयला आधारित उद्योग लगाने पर जोर दिया गया.
हजारीबाग : कोनार महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को विभावि सभागार में सेमिनार का आयोजन हुआ. सेमिनार का विषय मेक इन हजारीबाग था. सेमिनार में हर स्तर पर उद्योग लगाने व बढ़ाने को लेकर संभावनाएं सामने आयीं. मेक इन हजारीबाग के लिए एक अप्रैल से सभी उद्यमियों को सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा मिलेगी.
पर्यटन, कृषि एवं कोयला आधारित उद्योग लगाने की संभावना हजारीबाग जिले में सबसे अधिक है. हजारीबाग की भौगोलिक बनावट उद्योग धंधे की स्थापना आैर संचालन के लिए उपयुक्त है. उद्योगों के लिए आधारभूत संरचना विकसित हो गयी है. हजारीबाग और बरही में रियाडा की हजारों एकड़ से अधिक जमीन है. एनएच-100, एनएच-33, जीटी रोड, कोडरमा, बरकाकाना, हजारीबाग रांची, गया, रेलवे स्टेशन, डीवीसी विद्युत उत्पादन केंद्र और पर्याप्त मात्रा में खनिज संपदा मौजूद हैं.
मेक इन हजारीबाग में विस्थापन और प्रदूषण से मुक्ति के लिए सौर ऊर्जा को भी प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया. लघु एवं कुटीर उद्योग भी रोजगार देने में कारगार होंगे. शहर के उद्यमी व चेंबर के पदाधिकारियों ने सरकारी हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही.
कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, विधायक मनीष जायसवाल, कुलपति प्रो गुरदीप सिंह, प्रतिकुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा, डीसी मुकेश कुमार, विशिष्ट अतिथि विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत, इटीवी प्रमुख जगदीश चंद्रा, अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल, डॉ रमेश शरण, एमबीए निदेशक डॉ एमके सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया.
लघु उद्योग व कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन देने से बढ़ेगा रोजगार : मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री सह सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन देने से रोजगार में वृद्धि होगी. इस तरह के हजारों उद्योग को प्रोत्साहन देने से करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा. कोनार महोत्सव में मेक इन हजारीबाग जिला प्रशासन की सार्थक पहल है. उद्योगपति उद्योग की संभावना तलाशें. सरकार हरसंभव सहयोग एवं समर्थन देगी. उन्होंने कहा कि उद्योग के मामले में हजारीबाग राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायेगा.
सौर प्लांट लगा कर ऊर्जा की आपूर्ति हो : सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि एनटीपीसी बड़कागांव में बिजली का प्लांट चलायेगा. यहां की बिजली पंजाब, हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में जायेगी. नतीजन प्रदूषण का दंश और विस्थापन का दंश ग्रामीण झेलेंगे. कहा कि उद्योग के लिए बिजली जरूरी है. झारखंड में सूर्य की उपस्थिति हमेशा बनी रहती है. इसका उपयोग सौर ऊर्जा प्लांट लगा कर करना चाहिए. इससे बिजली की जरूरत पूरी होगी आैर विस्थापन एवं प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी.
हजारीबाग में पर्यटन की असीम संभावना : कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने कहा कि हजारीबाग में पर्यटन की असीम संभावना है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ ही आय भी बढ़ेगी.
औषधीय पौधों का उपयोग कर मेक इन हजारीबाग को उभारा जा सकता है. यहां कोयले का अकूत भंडार है. दस लाख लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. हजारीबाग कृषि का हब क्षेत्र है. यहां की मिट्टी भी उपजाऊ है. वर्षा भी अच्छी होती है. गांव में ग्रामीणों की जीवन रेखा तालाब होता है. इसका उपयोग कृषि उत्पादन एवं सिंचाई में होगा.
एक अप्रैल से उद्योगपतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम: डीसी मुकेश कुमार ने मेक इन हजारीबाग के संपूर्ण तथ्यों को पॉवर प्रजेंटेंशन के माध्यम से रखा. उन्होंने कहा कि सभी जिले मेक इन पर काम करें, तो मेक इन झारखंड का सपना पूरा होगा. तभी मेक इन इंडिया सफल होगा.
कहा कि हमलोग सर्विस सेक्टर में आगे हैं. लेकिन उत्पादन क्षेत्र में पिछड़े हैं. उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सोचना होगा. एक अप्रैल 2016 से जिले में उद्योगपतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम चालू कर दिया जायेगा. भूमि बैंक बनाया गया है. वर्ष 2017-18 के लिए भी योजना बनायी गयी है. गांव स्तर पर उद्योग स्थापित करने की योजना है.
गांव में उत्पादन से ही विकास संभव : विशिष्ट अतिथि विकास भारती के सचिव पद्मश्री के लिए नामित अशोक भगत ने कहा कि गांव के घर -घर में उत्पादन होगा. जिला स्तर पर उद्योग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा. बड़े यार्ड बनेंगे तभी मेक इन हजारीबाग एवं मेक इन इंडिया का उद्देश्य पूरा होगा. बाबा रामदेव का उदाहरण देते हुए कहा कि उद्योगपति कृषि क्षेत्र से जुड़ कर विकास एवं रोजगार का हिस्सा बन सकते हैं. उद्योगपति को स्वावलंबी बनना जरूरी है. तब तक देश का विकास नहीं होगा, गांव स्तर पर दस्तकारी को बढ़ावा देने की जरूरत है.
विस्थापन और पुनर्वास सेंटर जरूरी : रांची विवि के अर्थशास्त्र के शिक्षक डॉ रमेश शरण ने कहा कि उद्योग लगने से विस्थापन होता है. इस पर भी चिंतन जरूरी है. विस्थापन और पुनर्वास का सेंटर खुलना जरूरी है. कोल माइनिंग में पर्यटन की संभावना है. इससे लोगों में ऊर्जा के प्रति जागरूकता लायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक युवा पांचवीं से ज्यादा पढ़े नहीं हैं. इनमें कौशल की कमी है. उन्हें कौशल का प्रशिक्षण देकर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है.
बंद बड़े उद्योगों को दोबारा चालू करने की जरूरत : उत्तरी छोटानागपुर चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि हजारीबाग में हार्डकोक, स्टील उद्योग व राइस मिल बंद हैं. इससे नये उद्योगपतियों को आशंका बनी रहती है. इन बंद बड़े उद्योगों को दोबारा चालू करने की जरूरत है. उद्योगपतियों को भूमि और आधारभूत संरचना मिलनी चाहिए. ऋण की व्यवस्था होनी चाहिए. 10 साल तक सरकार टैक्स न लें, तभी उद्योग फलीभूत होंगे.
उद्योपतियों के लिए सकारात्मक नीति अपनाने की जरूरत: अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने कहा कि हजारीबाग में उद्योग लगाने के लिए असीम संभावनाएं हैं. यहां वन उत्पादन भी है. उद्योपतियों के लिए सकारात्मक नीति अपनाने की जरूरत है. उद्योग के बिना विकास नहीं हो सकता.
बहुमत की सरकार नहीं होने से बहुत कुछ पिछड़ा : झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि यहां उद्योगपति अपने बलबूते पर ही आगे बढ़े हैं. बहुमत की सरकार नहीं होने से बहुत कुछ पिछड़ा है. अब स्थायी सरकार में चेंबर ऑफ कॉमर्स से उद्योग के विषय में पूछा जाता है. यह एक अच्छी पहल है. झारखंड में स्टील एवं ऊर्जा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी उद्योग लगाने की असीम संभावनाएं हैं.
विकास में सहयोग करेगा इटीवी: इटीवी प्रमुख जगदीश चंद्रा ने कहा कि विकास एक यात्रा है. एक प्रक्रिया है. इसमें हम सभी को साथ मिल कर चलना है. छोटे शहरों में विकास यात्रा शुरू हुई है. कोनार महोत्सव का आयोजन कर जिला प्रशासन ने सराहनीय कार्य किया है. इटीवी विकास के लिए हर संभव सहयोग करेगा.
इकाई के विकास से ही समग्र विकास : विभावि प्रतिकुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि जब तक इकाई का विकास नहीं होगा, तब तक हम समग्र विकास का रूप तैयार नहीं होगा. मेक इन हजारीबाग से ही मेक इन इंडिया संभव है. उद्योग में बदलाव एवं तकनीक में परिवर्तन लाने की जरूरत है. संसाधन का संतुलित उपयोग पर्यावरण के लिए अच्छा होगा. उन्होंने केरल के एक गांव का उदाहरण देकर कहा कि उस गांव में अपनी ऊर्जा है.
उद्योगधंधे के लिए कानूनी प्रक्रिया आसान हो : शशांक : झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने उद्योग के शशांक भारद्वाज ने उद्योग के संबंध में कहा कि उद्योगधंधे के लिए कानूनी प्रक्रिया आसान होनी चाहिए. लाइसेंस प्रक्रिया का निष्पादन समयसीमा पर होना चाहिए.
माैके पर माैजूद लोग : चेंबर से अध्यक्ष पवन शर्मा, उपाध्यक्ष कुणाल अजमानी, निदेशक दीनदयाल वर्णवाल सेमिनार में शामिल थे.
हजारीबाग चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजकुमार जैन टोंग्या, सचिव विजय केसरी, संस्थापक अध्यक्ष राजेंद्र लाल, विवेकानंद सिंह, धर्म गुप्ता,सुरेश होरा, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, प्रताप जैन, रंजन जैन, राजकुमार जैन अजमेरा, फतेहलाल अजमेरा, सुखदेव नायक,राजकुमार सोगानी,शंभु अग्रवाल, बजरंग, अनिल शर्मा, अमित जालान, सुनील सिन्हा, अनिल मिश्र के अलावा उद्योगपति,बैंक के अधिकारी,विवि पदाधिारी, विद्यार्थी मौजूद थे.