ओके::लोक अदालत के माध्यम से निपटाये गये 3.59 लाख मामले

ओके::लोक अदालत के माध्यम से निपटाये गये 3.59 लाख मामले सरकार को मिला 33.55 करोड़ का राजस्व 6हैज1में- सिविल कोर्ट हजारीबागहजारीबाग. जिला विधिक सेवा प्राधिकार, हजारीबाग की ओर से वर्ष 2015 में कुल 3,59, 793 मुकदमों का निपटारा हुआ है. नेशनल लोक अदालत, मेगा लोक अदालत एवं प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को लगनेवाले नियमित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 8:33 PM

ओके::लोक अदालत के माध्यम से निपटाये गये 3.59 लाख मामले सरकार को मिला 33.55 करोड़ का राजस्व 6हैज1में- सिविल कोर्ट हजारीबागहजारीबाग. जिला विधिक सेवा प्राधिकार, हजारीबाग की ओर से वर्ष 2015 में कुल 3,59, 793 मुकदमों का निपटारा हुआ है. नेशनल लोक अदालत, मेगा लोक अदालत एवं प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को लगनेवाले नियमित लोक अदालत के माध्यम इन मामलों का निपटारा किया गया है. वहीं मुकदमों के निपटारे के साथ-साथ 33 करोड़, 55 लाख, 68 हजार 592 रुपये राजस्व का लाभ सरकार को हुआ है. वर्ष 2015 में 11 नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें तीन लाख 58 हजार 214 मुकदमों का निष्पादन हुआ. वहीं 22 करोड़ एक लाख 14 हजार रुपये की राशि सरकार को प्राप्त हुई. 12 दिसंबर को लगे नेशनल लोक अदालत में सबसे अधिक मामले (तीन लाख, 49 हजार 231) निबटाये गये. इसमें सबसे अधिक राशि 13 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी. वहीं 13 जून 2015 को लगे छठे नेशनल लोक अदालत में मात्र एक मुकदमे का निपटारा हुआ था. नौ अप्रैल को सिविल कोर्ट परिसर स्थित न्याय सदन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन होगा. मेगा लोक अदालत में 1579 मुकदमे निष्पादित: सिविल कोर्ट परिसर में वर्ष 2015 में तीन मेगा लोक अदालत का आयोजन हुआ. लोक अदालत पांच दिनों के लिए लगी थी. इसमें 1170 मामले निपटाये गये. वहीं 10 करोड़, 81 लाख, तीन हजार 274 रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए. डालसा के बैनर तले वर्ष 2015 में आठ नियमित लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें 409 मुकदमों का निपटारा हुआ. इसमें एक करोड़, 46 लाख, 40 हजार रुपये की वसूली हुई. पारिवारिक विवाद के लिए मिडिएशन सेंटर बेहतर: विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से लोक अदालत के अलावा मिडिएशन सेंटर, परामर्श केंद्र, स्थायी लोक अदालत, लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से आपसी समझौतों के तहत मामले निपटाये जाते हैं. सचिव ने बताया कि मिडिएशन सेंटर में पारिवारिक के मामले आते हैं. इसमें एक न्यायिक अधिकारी के अलावा प्रशिक्षित मिडिएटर दोनों पक्षों से अलग-अलग बात कर मामले को आपसी समझौता कराते हैं. इसके अलावा लीगल एड क्लिनिक से बीपीएल परिवार, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, नि:शक्त प्राकृतिक आपदा से ग्रसित लोगों को किसी प्रकार के मुकदमा होने पर न्याय शुल्क, अधिवक्ता मुहैया कराने का काम करता है. सेवा प्राधिकार समय-समय पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता शिविर के माध्यम से लोगों के बीच कानून के बारे में इसके इस्तेमाल से संबंधित जानकारी दी जाती है. मिल रहा है बेहतर परिणाम: विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सब-जज दिनेश कुमार ने बताया कि अधिक से अधिक मुकदमों का निपटारा हो, इसके लिए प्राधिकार के अध्यक्ष प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विष्णुकांत सहाय ने जिला प्रशासन, बैंक एवं राज्य सरकार के विभागों का सहयोग लिया है. यही कारण है कि हजारीबाग जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्य जिलों की अपेक्षा बेहतर परिणाम देने में सफल हुए हैं. आगे भी लोक अदालत का प्रचार-प्रसार दूर-दराज एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में फैला कर इसके महत्व को आगे बढ़ाया जाता रहेगा. उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय पर लंबित मुकदमों के बोझ को कम करने का प्रयास किया जा रहा है.

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