दस लाख का अल्ट्रासाउंड मशीन बेकार

दस लाख का अल्ट्रासाउंड मशीन बेकार हाल चतरा सदर अस्पताल का टेक्निशियन के अभाव में अब तक नहीं हुआ मशीन का उपयोग कई अन्य मशीने भी वर्षों से टेक्निशियन के अभाव में बेकार पड़ी है लोगों को नहीं मिल रहा है इसका लाभचतरा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा छह वर्ष पूर्व लगभग दस लाख रुपये की लागत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

दस लाख का अल्ट्रासाउंड मशीन बेकार हाल चतरा सदर अस्पताल का टेक्निशियन के अभाव में अब तक नहीं हुआ मशीन का उपयोग कई अन्य मशीने भी वर्षों से टेक्निशियन के अभाव में बेकार पड़ी है लोगों को नहीं मिल रहा है इसका लाभचतरा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा छह वर्ष पूर्व लगभग दस लाख रुपये की लागत से खरीदी गयी अल्ट्रासाउंड मशीन बेकार पड़ी है. अब तक इसका उपयोग नहीं किया गया है. सदर अस्पताल के एक कमरे में मशीन को गोदरेज में बंद कर रखा गया है. मशीन का उपयोग नहीं किये जाने से जिलेवासियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जानकारी के अनुसार टेक्निशियन के अभाव में अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है. जरूरतमंद लोगों को अधिक पैसा खर्च कर प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के कई ऐसे चिकित्सक हैं, जो अपनी क्लिनिक में अल्ट्रासाउंड का उपयोग करते हैं. लेकिन अस्पताल में उक्त मशीन का उपयोग करने के लिए कोई पहल भी नहीं की जी रही हैं. गर्भवती महिलाओं को प्रसव के पूर्व अल्ट्रासाउंड करना जरूरी होता है. ताकि बच्चे व पेट संबंधी रोगी की सही जानकारी मिल सके. अस्पताल में जांच के अभाव में या तो उसे रेफर कर दिया जाता है या फिर प्राइवेट क्लिनिक में जाकर जांच करानी पड़ती है. इससे गरीब लोगों को सबसे अधिक परेशानी होती है. भगवान भरोसे गरीब महिलाओं का प्रसव कराया जाता है. जिसमें जच्चा व बच्चा दोनों का हमेशा खतरा बना रहता है. इसके अलावा कई अन्य कीमती मशीने भी कई वर्षों से टेक्निशियन के अभाव में बेकार पड़ा है. टेक्निशियन के सरकार को लिखा जायेगा पत्र: सीएस इस संबंध में पूछने पर सीएस डॉ सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि नये सीएस होने के कारण अल्ट्रासाउंड मशीन के बारे में जानकारी नहीं है. डीएस से जानकारी प्राप्त कर अविलंब लोगों के लिए मशीन उपयोग में लायी जायेगी. ताकि जिलेवासियों को अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर नहीं जाना पड़े. उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में जितनी भी मशीन बेकार पड़ी हैं, सभी को काम में लाया जायेगा. टेक्निशियन के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा जायेगा.

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