सांसद आदर्श ग्राम के रूप में चुने जाने पर बढ़ी लोगों की उम्मीदें
प्रखंड मुख्यालय से 18 किमी दूरी पर स्थित है यह गांव
12 किमी दूरी तय कर तुलबुल व 18 किमी बाराचट्टी जाकर पढ़ाई करते हैं बच्चे
आठवीं के बाद छात्राएं छोड़ देती है पढ़ाई
कान्हाचट्टी. आजादी के बाद पहली बार पथेल गांव के लोगों को विकास के प्रति उम्मीद जगी है. यह उम्मीद पथेल गांव को सांसद आदर्श ग्राम के रूप में चुने जाने से हुआ है. यह गांव प्रखंड मुख्यालय से 18 किमी दूरी पर स्थित है. अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने से पदाधिकारी व कर्मचारी जाने से डरते हैं. यही वजह है कि आजतक उक्त गांव का समुचित विकास नहीं हुआ है. सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी समस्या से यहां के लोग जूझते आ रहे हैं. गांव की आबादी लगभग 3000 है. यहां पर अनुसूचित जाति गंझू, भुइयां, यादव, कुम्हार, नाई, तुरी बहुल गांव है. सड़क के अभाव में लोग पैदल प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं.
यह गांव चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है. यहां के बच्चे आठवीं के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. कुछ बच्चे 12 किलोमीटर दूरी तय कर तुलबुल व 18 किमी बाराचट्टी जाकर पढ़ाई करते हैं. छात्राएं आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं.
सात टोलों में बटा है यह गांव: पथेल गांव सात टोलों में बंटा है. पथेल के अलावा पचफेड़ी, बघमरी, बीरबीरा, बेरौनीटांड, धवैया, मुर्तियाटांड़ में बंटा है. यहां के लोग खेती व मजदूरी कर अपनी जीविका चला रहे हैं. गांव के अधिकांश लोग रोजगार की तलाश में बाहर की ओर पलायन कर चुके हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण: पथेल गांव के सीताराम सिंह भोक्ता ने कहा कि गांव को सांसद आदर्श ग्राम के रूप में चयन किये जाने से विकास की उम्मीद जगी है. पदाधिकारियों का आना-जाना शुरू हुआ है
बच्चों को अच्छी शिक्षा, आने-जाने के लिए सड़क की सुविधा मिलेगी. धवैया के सहादेव तुरी ने कहा कि सड़क बनेगी, तो सूप, दउरा बेचने ले जाने में सुविधा होगी व बेरोजगारी दूर होगी. पचफेड़ी के रामदेव यादव ने कहा कि बच्चों के शादी विवाह करने में अब परेशानी नहीं होगी. पहले लोग यहां रिश्ता करने से डरते थे. आवागमन की सुविधा नहीं होने की बात कह कर शादी टाल देते थे.
पथेल गांव का विकास प्रशासन के लिए चुनौती: इस गांव के विकास के सबसे पहले आने-जाने के लिए सड़क का निर्माण करना होगा. सहोर से लेकर पथेल तक सात किमी तक पहाड़ों को काट कर सड़क का निर्माण करने के बाद ही गांव तक पहुंचा जा सकता है. गांव का विकास करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.