25 वर्षों के सफर में बने कई कीर्तिमान
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना काल से अब तक कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुकामों को हासिल किया है. विभावि 17 सितंबर 2016 को 25वां वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है और सिल्वर जुबली वर्ष मनाने जा रहा है. 2016 में नैक से बी प्लस का ग्रेड हासिल करनेवाला यह झारखंड का पहला विवि […]
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना काल से अब तक कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुकामों को हासिल किया है. विभावि 17 सितंबर 2016 को 25वां वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है और सिल्वर जुबली वर्ष मनाने जा रहा है. 2016 में नैक से बी प्लस का ग्रेड हासिल करनेवाला यह झारखंड का पहला विवि बना. शैक्षणिक गतिविधियों को तेज करने एवं नये पाठ्यक्रमों को जोड़ने का काम विवि ने किया है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी विवि ने अपना मानदंड स्थापित किया है.
कभी किराये के भवन में चलनेवाले विव का आज 67 एकड़ का अपना विशाल कैंपस है. जिस भू-खंड पर यह विवि बना है, वह संत विनोबा भावे को भूदान आंदोलन में दान में मिला था. इसी वजह से इसका नाम विनोबा भावे विश्वविद्यालय रखा गया. विभावि 1992 में भारतीय विवि का सदस्य बना. 2001 में भारतीय विवि का स्थायी सदस्य बना विभावि 17 अक्तूबर, 2002 को यूजीसी से निबंधित हुआ. एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी लंदन का सदस्य भी बना़
24 वर्ष में विभावि ने आधारभूत संरचना, शिक्षा, खेलकूद एवं आधुनिकता में ऊंचाइयों को छुआ है़ विभावि का शिलान्यास अविभाजित बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने किया था. स्थापना के पूर्व उत्तरी छोटानागपुर के सभी कॉलेज रांची विवि के अंतर्गत आते थे. यह विवि रांची विश्वविद्यालय से विभाजित होकर बना. विभावि स्थापना के बाद उत्तरी छोटानागपुर के सभी कॉलेज को रांची विश्वविद्यालय से अलग कर विनोबा भावे विश्वविद्यालय में शामिल कर दिया गया. अब विभावि के अंतर्गत उत्तरी छोटानागपुर के सभी कॉलेज एवं राज्य के सभी संस्कृत कॉलेज, सभी होम्योपैथी कॉलेज एवं आयुर्वेद कॉलेज आते हैं.
79 कॉलेज आते हैं विवि के अंतर्गत: विभावि के अंतर्गत सात जिला के 79 कॉलेज आते हैं. हजारीबाग में आठ कॉलेज, धनबाद में 17 कॉलेज, गिरिडीह में 13 कॉलेज, कोडरमा में 8 कॉलेज, रामगढ़ में सात कॉलेज, बोकारो में 20 कॉलेज एवं चतरा जिला में छह कॉलेज हैं.
इसमें 19 अंगीभूत कॉलेज एवं शेष 60 संबद्ध प्राप्त कॉलेज हैं. इसके अलावा 33 प्राइवेट बीएड कॉलेज, चार लॉ कॉलेज, पांच इंजीरियरिंग कॉलेज, चार होमियोपैथिक कॉलेज, एक डेंटल कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज एवं एक आयुर्वेद कॉलेज शामिल हैं.
पीजी में 24 विषयों की पढ़ाई : हजारीबाग में 1972 से स्नाकोत्तर की पढ़ाई हो रही है़ संत कोलंबा को स्नाकोत्तर का दर्जा मिला, तो यहां स्नाकोत्तर के पांच विषयों अंगरेजी, हिंदी, राजनीति शास्त्र, गणित की पढ़ाई होने लगी. अभी स्नाकोत्तर में पांच व्यावसायिक विषयों समेत 24 विषयों की पढ़ाई हो रही है़
पीजी में शिक्षक छात्र का अनुपात 1: 75 : विभावि के पीजी में लगभग 6000 विद्यार्थी पढ़ते हैं. 82 शिक्षक कार्यरत है़ यूजीसी के नॉर्म्स के अनुसार, 400 शिक्षक एवं राज्य सरकार के नॉर्म्स के अनुसार, 150 शिक्षक होने चाहिए़ दोनों मानकों के लिहाज से शिक्षकों की भारी कमी है.
शिक्षक का 189 पद खाली
विभावि के पास 19 अंगीभूत कॉलेज एवं पीजी को मिला कर शिक्षकों की भारी कमी है़ शिक्षक के 770 स्वीकृत पद हैं. इसमें 189 रिक्त हैं.
विभावि की चुनौतियां
विभावि में विद्यार्थियों की संख्या हजारों से लाखों में पहुंच गयी है. शिक्षक 770 से 581 रह गये हैं. वर्ष 2016 में पीजी और यूजी में अॉनलाइन नामांकन सिस्टम शुरू करनेवाला यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है. भविष्य में परीक्षा की कॉपियां भी कंप्यूटर से जांची जायेंगी.
पीजी एवं यूजी में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया़
पीजी एवं यूजी में सीबीसीएस सिस्टम लागू किया़
सभी पाठय़क्रमों को ग्लोबल एवं स्थानीयता की जरूरत के हिसाब से बनवाया़
रसायन में एम़फिल की पढाई शुरू हुई़
फोरेंसिक साइंस डिप्लोमा, एमएलटी डिप्लोमा , जपानी भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स ,पर्सियन भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स ,एम़सीए में 5 वर्ष का इंटिग्रेटेड कोर्स, फिजियोथेरेपी की पढाई शुरू करायी
शिक्षकों के शिक्षण पद्धति के लिए फीडबैक विद्यार्थियों से लेना शुरू करवाया़
परिसर में वाइफाइ की सुविधा दी.
केंद्रीय लाइब्रेरी में सुधार किया़
ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के पोर्टल पर सभी कॉलेजों का ब्यौरा फीड करवाया.
सभी अंगीभूत कॉलेजों को नैक करने की तैयारी करवाया
सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन नामांकन सिस्टम को किया़
सातवां दीक्षांत समारोह की तैयारी सात दिनों के अंदर की.
सातवां दीक्षांत समारोह में 5300 डिग्री 11 रात तक बांटी गयी़
नैक मूल्यांकन 2016 में करवाया एवं बी प्लस प्लस का ग्रेड प्राप्त किया़ विभाग में स्प्मार्ट क्लास रूम, दुरूस्त लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, साफ सुथरा शाौचालय, शिक्षक कॉमन रूम, बेहतर विभागाध्यक्ष कक्ष, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गयी है़ परसिर में अतिथिशाला, कैंटीन, महिला छात्रावास व खेल का मैदान चालू करवाया़