आस्था का केंद्र है ऐतिहासिक मां कमलेश्वरी मंदिर

चौपारण : प्रखंड के ग्राम पंचायत दैहर में एतिहासिक मां कमलेश्वरी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. मंदिर की स्थापना संभवत: 1945 से 1965 के बीच संभवत हुआ. इससे पूर्व उक्त स्थल एक टिल्हा का रूप था़ जब मंदिर निर्माण को लेकर टिल्हा की साफ-सफाई एवं खुदाई की गयी, तब खुदाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 7:53 AM
चौपारण : प्रखंड के ग्राम पंचायत दैहर में एतिहासिक मां कमलेश्वरी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. मंदिर की स्थापना संभवत: 1945 से 1965 के बीच संभवत हुआ. इससे पूर्व उक्त स्थल एक टिल्हा का रूप था़ जब मंदिर निर्माण को लेकर टिल्हा की साफ-सफाई एवं खुदाई की गयी, तब खुदाई के दौरान उक्त टिल्हा के दक्षिण एवं उत्तर क्षोर पर दो समान्तर अति प्राचीनकाल में कुआं मिला़ जब ग्रामीण कुएं की साफ-सफाई करने लगे, तो दोनो कुओं से सैकड़ों की संख्या में प्राचीन मूर्तियां मिली़
इन मूर्तियों में कुछ टूटी-फुटी थी, जबकि कुछ मूर्तियों के आकार सलामत थे. बताया जाता है कि इन्ही मूर्तियों को स्थापित करने के लिए कमलेश्वरी मंदिर का निर्माण उस समय के तत्कालीन मुखिया जगन्नाथ सिंह के प्रयास से किया गया था़
आज भी मंदिर के आसपास बिखरी पड़ी हैं मूर्तियां : कमलेश्वरी मंदिर के आसपास आज भी दर्जनों टूटी-फूटी प्रतिमा बिखरी पड़ी हैं. वहीं कई प्रतिमाओं की चोरी हो चुकी है़ गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उक्त टिल्हा पर एक नीम का पेड़ था़ वहां इक्का-दुक्का मूर्तियां यूं ही पड़ी थी. गांववालों की मानें, तो किसी जमाने में दैहर गांव में कोई राजा राजवाड़ा का तहसील कार्यालय उक्त टिल्हा के पास रहा होगा़ यहां की देवी-देवताओं की मूर्तियों पर लिखे अक्षरों से प्रमाणित होता है कि ये मूर्तियां प्रचीनकाल की है़ं कुएं की सफाई के क्रम में बौद्ध स्तूप निकलने से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस स्थल का संबंध बौद्ध काल से रहा होगा़
अजीब है दोनों कुआं की आकृति: कमलेश्वरी मंदिर के परिसर में आज भी दोनों कुआं सलामत है. इन्ही कुओं से सफाई के क्रम में सारी प्रतिमाएं निकाली गयी हैं. इन दोनों कुओं का बनावट कुछ अजीबो-गरीब है़
वहीं मंदिर के अंदर सैकड़ों प्रतिमाएं स्थापित है़ं स्थानीय लोगों की मानें, तो इस मंदिर में मत्था टेकने दूर-दूर से लोग आते हैं. कैसे जायें दैहर गांव : चौपारण प्रखंड मुख्यालय से करीबन 10 किमी की दूी पर दैहर गांव बसा है़ गांव के बीच में मां कमलेश्वरी मंदिर स्थापित है़ चौपारण चतरा मोड़ से चतरा जानेवाली सड़क से बेढ़ना तक पहुंच जाता है. वहीं दैहर गांव जाने के लिए सड़क मुडती है़ इसी रास्ते से होकर दैहर गांव पहुंचा जा सकता है़

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