14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुराने जमाने की कलाकृतियों की याद हुई ताजा

सोहराय व कोहबर कला ने किया अचंभित लोक जनजातीय और परंपरागत शिविर संपन्न हजारीबाग : आठ दिवसीय लोक जनजातीय और परंपरागत कला शिविर का आयोजन होटल अरण्य विहार में हुआ. इसमें झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के डोकरा, सोहराय, पता कला, लौह कला, सुजनी, मल्हार कला और काठ कला के कलाकारों को […]

सोहराय व कोहबर कला ने किया अचंभित
लोक जनजातीय और परंपरागत शिविर संपन्न
हजारीबाग : आठ दिवसीय लोक जनजातीय और परंपरागत कला शिविर का आयोजन होटल अरण्य विहार में हुआ. इसमें झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के डोकरा, सोहराय, पता कला, लौह कला, सुजनी, मल्हार कला और काठ कला के कलाकारों को आमंत्रित किया गया था. कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक कला प्रस्तुत किये. शिविर में आये लोग लकड़ियों से बनी कला समेत सोहराय, कोहबर से बनी वस्तुओं को देखकर आकर्षित हुए.
इन वस्तुओं को देख पुराने जमाने में बनाये गये कलाकृतियां की याद ताजी हो गयी. लोगों ने मन में यह भावना जगी की आज भी हमारी संस्कृति जिंदा है. संस्कृति प्रहरी के बुलू इमाम ने शिविर में आये कलाकारों को वस्त्र भेंट किया. उन्होंने कहा कि हमारी भाषा और संस्कृति पर खतरा मंडरा रहा है.
जनजातीय समुदाय अपनी भाषा छोड़ रहे हैं. मशीन से उत्पादित होनेवाली वस्तुओं और हाथ से बनी कलाकृतियों में काफी अंतर है. रांची से आये कलाकार हरेन ठाकुर ने कहा जो प्रकृति के बीच रहकर प्राकृतिक वस्तुओं के बीच से कला उत्पाद तैयार करता है, वह सूरज के समान है. आयोजन ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केंद्र भुवनेश्वर ने किया था.
मौके पर सुपरवाइजर मोहन कुमार, स्थानीय समन्वयक रंजीत कुमार, उज्जवल घोष, मल्कार, कैलाश कुमार, धीरज कुमार, मीनू देवी, भास्कर महापात्रा, रविकांत साहू, मोहन नायक, जगनाथ विश्वकर्मा, बेबी देवी, सौम्या कुमारी और जीतराम लोहार उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें