हीरु जलाशय योजना मरम्मत कार्य दो साल से अधूरा
4.34 करोड़ में एक करोड़ की हो चुकी है निकासी हजारीबाग : चतरा में हीरु जलाशय योजना की मरम्मती का कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ है. 4.34 करोड़ रुपये की लागत से जलाशय के मरम्मती का कार्य अप्रैल 2014 में शुरू हुआ, जिसे अप्रैल 2016 तक पूरा कर देना था. मरम्मती कार्य के नाम […]
4.34 करोड़ में एक करोड़ की हो चुकी है निकासी
हजारीबाग : चतरा में हीरु जलाशय योजना की मरम्मती का कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ है. 4.34 करोड़ रुपये की लागत से जलाशय के मरम्मती का कार्य अप्रैल 2014 में शुरू हुआ, जिसे अप्रैल 2016 तक पूरा कर देना था. मरम्मती कार्य के नाम पर अब-तक एक करोड़ से अधिक की राशि की निकासी हो चुकी है, लेकिन कार्य पूरा नहीं किया गया है. किसान के खेतों को पानी नहीं मिल रहा है. पानी नहीं मिल पाने से किसान परेशान हैं.
11 हजार हेक्टेयर खेत का होगा पटवन
इस नहर जलाशय से क्षेत्र में 11 हजार हे्क्टेयर कृषि भूमि का पटवन होना है. जलाशय का मरम्मती कार्य समय पर पूरा नहीं होने से किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल रहा है. फसल की पैदावार भी नहीं हो रही है.
दो साइड से निकलता है नहर
हीरु जलाशय से दो साइड से नहर को निकाला गया है. दायीं तरफ 443 चेन और बायीं तरफ 124 चेन बनाया गया है. दोनों ओर से नहर से पानी की निकासी करना है. इन्हीं नहरों को मरम्मत करना है, जिससे कृषि भूमि तक पानी पहुंचेगा.
हजारीबाग के झील स्थित जल संसाधन विभाग को सरकार ने हीरु जलाशय योजना की मरम्मती कराने की जिम्मेदारी सौंपी है. जल पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता बी मंडल कार्य की निगरानी कर रहे हैं. छोटेलाल कंस्टक्शन प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया है. कार्यपालक अभियंता बी मंडल ने कहा कि हीरु जलाशय योजना का जल्द ही रिव्यू किया जायेगा. योजना को समय पर पूरा किया जायेगा. किसानों को लाभ पहुंचाया जायेगा. मुख्य अभियंता रामचंद्र रजक ने कहा कि मरम्मति कार्य में देरी को लेकर कार्य कर रहे ऐजेंसी से जवाब मांगा जायेगा.