सफाई तक करवाने में प्रशासन अक्षम

हजारीबाग : जिला प्रशासन मटवारी गांधी मैदान से प्रतिवर्ष करीब 25 लाख रुपया राजस्व की वसूली करता है. यह राजस्व जिला प्रशासन को मैदान में लगनेवाले विभिन्न प्रकार के मेले समेत डिजनीलैंड, पुस्तक मेला व स्वदेशी मेला से प्राप्त होता है. इसके अलावा नगर पालिका की दुकानों से भी प्रशासन को किराये की राशि प्राप्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2016 7:44 AM
हजारीबाग : जिला प्रशासन मटवारी गांधी मैदान से प्रतिवर्ष करीब 25 लाख रुपया राजस्व की वसूली करता है. यह राजस्व जिला प्रशासन को मैदान में लगनेवाले विभिन्न प्रकार के मेले समेत डिजनीलैंड, पुस्तक मेला व स्वदेशी मेला से प्राप्त होता है.
इसके अलावा नगर पालिका की दुकानों से भी प्रशासन को किराये की राशि प्राप्त होती है. नगरपालिका की यहां 81 दुकानें हैं. सभी दुकानों से लगभग प्रत्येक माह 70 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. इसके बावजूद गांधी मैदान की सुरक्षा, सौंदर्यकरण एवं अन्य सुविधाओं के लिए यहां कोई काम नहीं किया जाता है.
शहर का सबसे बड़ा मैदान: मटवारी गांधी मैदान जिला प्रशासन और शहरवासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. शहर के बीचों-बीच होने से हमेशा इस मैदान में कोई न कोई आयोजन होता रहता है. इसी मैदान में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो जनसभा हो चुकी है.
मैदान की क्षमता लगभग 50-70 हजार की है. शहर में इतना बड़ा मैदान और कहीं भी नहीं है, लेकिन इस मैदान को संवारने के प्रति जिला प्रशासन गंभीर नहीं है. प्रशासन के पास किसी तरह की योजना ही नहीं है. स्थिति यह है कि मैदान की स्थिति दिन ब दिन बद से बदतर होती जा रही है. गंदगी, कंटीली झाड़ियां व कचरे का अंबार देख प्रशासन की गंभीरता देखी जा सकती है.
एक तरफ सफाई, दूसरी तरफ गंदगी: शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे गांधी मैदान में नगर निगम के सफाईकर्मी पश्चिमी व उत्तरी हिस्से में सफाई कर रहे थे. सफाई कर्मी कचरा जमा कर उसमें आग लगा रहे थे. वहीं मैदान के दक्षिणी हिस्से में मुहल्ले का कचरा इकट्ठा कर नगर पालिका की ट्रॉली से कचरा डाला जा रहा था.

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