दो साल से 5000 मामले लंबित
हजारीबाग:हजारीबाग जिले में जमीन के मोटेशन (दाखिल-खारिज) के करीब 5000 मामले दो साल से लंबित हैं. 2010 में शिविर लगा कर मोटेशन के लिए आवेदन मांगा गया था. इसके अलावा जमीन खरीदारों ने समय-समय पर मोटेशन के आवेदन अपने अंचलों में जमा किया है. मोटेशन नहीं होने के कारण रैयत परेशान हैं. इधर सरकार को […]
हजारीबाग:हजारीबाग जिले में जमीन के मोटेशन (दाखिल-खारिज) के करीब 5000 मामले दो साल से लंबित हैं. 2010 में शिविर लगा कर मोटेशन के लिए आवेदन मांगा गया था. इसके अलावा जमीन खरीदारों ने समय-समय पर मोटेशन के आवेदन अपने अंचलों में जमा किया है. मोटेशन नहीं होने के कारण रैयत परेशान हैं. इधर सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. कई अंचलों में सीओ का पद रिक्त है. अंचलों में रजिस्टर 27 अपडेट नहीं : अंचल कार्यालय में रजिस्टर 27 रहता है. मोटेशन के लिए आनेवाले आवेदन को इस रजिस्टर में तिथिवार सूचीबद्ध किया जाना है. साथ ही निर्गत होने की तिथि भी इसी रजिस्टर में अंकित करनी होती है. लेकिन दाखिल-खारिज के लिए आवेदन देने के समय इस रजिस्टर में अंकित नहीं किया जाता है. अंचल कर्मी अपनी सुविधा के अनुसार रजिस्टर 27 को अपडेट करते हैं.
21 दिन में निष्पादन का प्रावधान : आवेदन देने के 21 दिन बाद मोटेशन करना होता है. मोटेशन के आवेदन के साथ केवाला की कॉपी बेचनेवाले रैयत की रसीद कॉपी जरूरी होती है. हलका कर्मचारी रजिस्टर से जमीन के पुराने रैयत पूरी जानकारी मिलान करने के बाद जमीन मोटेशन की स्वीकृति सीओ द्वारा दे दी जाती है. लेकिन जिले में किसी भी अंचल में 21 दिन में मोटेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती. इसके पीछे कई कारण होते हैं.
शिकायत की गुंजाइश : अपर समाहर्ता रंजन चौधरी ने कहा कि 21 दिन में दाखिल-खारिज नहीं होता है, तो आवेदक डीसीएलआर के पास शिकायत कर सकते हैं. इसके बाद संबंधित अंचल अधिकारी पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. विवादित जमीन पर सीओ को सुनवाई के बाद मोटेशन का अधिकार प्राप्त है.इचाक में 3277 में 1752 का हुआ दाखिल- खारिज : इचाक. दाखिल- खारिज के लिए सरकार के निर्देश पर इचाक अंचल कार्यालय में लगे शिविर में 3277 आवेदन जमा किये गये थे. इसमें 1752 आवेदन सही पाये गये. जिसका दाखिल-खारिज हो चुका है. शेष 1525 आवेदन कागजात के अभाव में त्रुटिपूर्ण व सीएनटी के कारण अस्वीकृत किये गये.
अंचल कार्यालय दौड़ रहे हैं : अलौंजाकला के खुशनारायण मेहता ने बताया कि शिविर में दाखिल- खारिज के लिए 18 केवाला जमा किया था, पर एक भी दाखिल-खारिज नहीं हुआ. तब से अंचल कार्यालय दौड़ रहा हूं. भरत प्रसाद मेहता (फुफंदी गांव) ने कहा कि शिविर में 14 आवेदन जमा किया था. एक भी केवला का दाखिल-खारिज नहीं हुआ. रीना देवी (पति शहदेव महतो) एवं चिंता देवी (पति प्रभु महतो, ग्राम बरवां) ने बताया कि दो-दो केवाला शिविर में जमा किया था, पर दाखिल-खारिज नहीं हुआ. बसंत मेहता (ग्राम मंगुरा) ने कहा कि शिविर में 12 आवेदन जमा किया था. एक भी दाखिल-खारिज नहीं हुआ. प्राप्ति रसीद मेरे पास है.
बरही अंचल में 24 केस लंबित : बरही. बरही अंचल में जनवरी 2014 तक दाखिल- खारिज के 559 मामले आये. इनमें 21.2.13 की ग्राम दुलमुहा जनता दरबार में 40, 30.11.13 में ग्राम करगइयो जनता दरबार में 37 व 27.1.14 को ग्राम धनवार जनता दरबार में 195 आवेदन दाखिल-खारिज के लिए थे. जनवरी माह तक प्राप्त सभी आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया. फरवरी माह में दाखिल-खारिज के 24 आवेदन मिले है. जिनकी जांच प्रक्रिया चल रही है. उक्त जानकारी बरही बीडीओ अतुल कुमार ने दी.डेढ़ वर्षो से लगान रसीद नहीं कटी : बरही अंचल में लगान रसीद पिछले डेढ़ वर्ष पहले समाप्त हो गयी. नयी लगान रसीद उपलब्ध नहीं हो पायी है. इसके कारण बरही अंचल के सभी लोगों को लगान रसीद नहीं कट रही है. लगान रसीद नहीं रहने से राजस्व की हानि हो रही है. साथ ही करंट लगान रसीद नहीं मिलने से जमीन के मालिकों को कई तरह की परेशानी हो रही है.
बड़कागांव : एक साल से रसीद नहीं कट रही है : बड़कागांव. बड़कागांव अंचल कार्यालय में एक वर्ष से जमीन की रसीद नहीं कट रही है. इससे किसानों को दिक्कत हो रही है. दिसंबर से मोटेशन का काम नहीं हो रहा है. अंचल कार्यालय के लिपिक इंद्र कुमार झा ने बताया कि लगभग 750 मोटेशन का आवेदन मिला था. जो काम हो गया है. सीआइ प्रभारी सत्येंद्र सिंह छुट्टी पर थे. उन्होंने दूरभाष पर बताया कि अंचल कार्यालय में एक साल से रसीद नहीं है. इस कारण राजस्व की वसूली नहीं हो रही है. अंचल में छह कर्मचारियों में तीन कर्मचारियों का प्रमोशन हो गया है. इन्ही कर्मचारियों के भरोसे काम चल रहा है.
लेकिन काम नहीं हुआ : तलसवार पंचायत के कृषक नागेश्वर तुरी ने बताया कि मोटेशन के छह आवेदन दिये. दो मोटेशन सीएनटी एक्ट के कारण नहीं हुआ. कामेश्वर महतो ने बताया कि 27 दिसंबर को 2013 मोटेशन के लिए आवेदन जनता दरबार में दिये थे. लेकिन काम नहीं हुआ. सिली देवी ने बताया कि दो साल पहले मोटेशन के लिए आवेदन दिये. लेकिन अब तक नहीं हुआ. नापो के धरम साव ने बताया कि सत्येंद्र सिंह कर्मचारी को रसीद कटाने के लिए आवेदन दिये, लेकिन रसीद नहीं काटी. नरेश महतो ने बताया कि दिसंबर 2013 में मोटेशन के लिए आवेदन दिये. छह-सात बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं.
कटकमसांडी : 100 केस पेंडिंग
इकटकमसांडी. कटकमसांडी अंचल कार्यालय में 2013 में 1088 आवेदन दाखिल- खारिज के जमा हुए. इसमें सैकड़ों आवेदन लंबित है. राजस्व वसूली का लक्ष्य 110000 रुपये सलाना है. 2012-13 से रसीद उपलब्ध नहीं है. जिससे लगान वसूली का काम बंद है. दाखिल खारिज नहीं होने से बरगड्डा गांव के करम साव, रघु साव, कारू साव कई दिनों से प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. कर्मचारी से लेकर पदाधिकारी तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. करम साव ने बताया कि आवेदन चार माह पूर्व दिया गया है. लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी है. इस तरह से प्रखंड के 18 पंचायत के कई लोगों का दाखिल खारिज कार्य बाधित है. बहिमर गांव के चंदर साव ने बताया कि दाखिल खारिज कराने के लिए कई माह से प्रखंड का चक्कर लगा रहे हैं. दाखिल खारिज नहीं हुआ है.
विष्णुगढ़: रसीद नहीं कटी : विष्णुगढ़. विष्णुगढ़ अंचल में वित्तीय वर्ष 2012-13 में 215 आवेदन दाखिल खारिज के लिए आया. जिसमें सभी का निष्पादन कर दिया गया है. रसीद के अभाव में रसीद नहीं कट पायी है. उक्त जानकारी अंचल अधिकारी परमेश्वर मुंडा ने दी. उन्होंने बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष से यहां रसीद नहीं है. सीओ ने बताया कि सीएनटी एक्ट के कारण दाखिल खारिज का कम आवेदन आया है.
चौपारण : एक साल से सीओ का पद खाली : चौपारण. चौपारण अंचल कार्यालय में सीओ का पद पिछले एक साल से रिक्त है. अंचल में सीओ के अतिरिक्त प्रभार में बीडीओ धीरज प्रकाश हैं. यही कारण है कि प्रखंड के कई लोग दाखिल- खारिज के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. करमा गांव के भूखन रविदास एवं पत्थलगढ़वा के गिरधारी भुइयां दाखिल- खारिज के लिए पिछले छह माह से परेशान हैं. वहीं सिंहपुर गांव के वर्षा देवी तीन माह से जमीन दाखिल खारिज को लेकर कर्मचारी का चक्कर लगा रही हैं.
लगान रसीद नहीं, रैयतों पर 12 लाख रुपये का बोझ बढ़ा : हजारीबाग. जिले में पिछले एक साल से जमीन की लगान रसीद उपलब्ध नहीं है. लगान वसूली का काम पूरी तरह ठप है. रसीद नहीं होने के कारण रैयतों पर करीब 12 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है. इधर लगान रसीद नहीं होने के कारण जमीन मालिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) नहीं बन रहा है. होम लोन सहित कई ऋण बैंकों से नहीं मिल रहा है. ¬ण नहीं मिलने से लोग साहूकार के चंगुल में फंस रहे हैं.
मात्र दो प्रतिशत लगान वसूली : जिले में लगान रसीद नहीं होने के कारण मात्र दो प्रतिशत लगान की वसूली हो पायी है.
साल-दर-साल बोझ बढ़ रहा है : झुमरा के रैयत तुलसी दास ने कहा कि जमीन की रसीद नहीं होने के कारण काफी परेशानी हो रही है. हमलोगों के ऊपर प्रत्येक साल लगान के अतिरिक्त बोझ बढ़ते जा रहे हैं. विष्णुगढ़ के रैयत एतवारी यादव, महेश यादव, कैला सिंह, सोबरन यादव ने अपना प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि रसीद नहीं कटने के कारण काफी परेशानी हो रही है. बैंक से लोन लेने एवं जमानतदार बनने में परेशानी हो रही है.
रसीद जल्द उपलब्ध होगी : अपर समाहर्ता रंजन चौधरी ने कहा- लगान रसीद का डिमांड कई बार भेजा गया है. छप कर लगान रसीद राजधानी में आ गयी है. जल्द जिला में भी उपलब्ध हो जायेगा.