छुट्टी नहीं, फिर भी स्कूल बंद
हाल. शिक्षा के स्तर को आइना दिखा रहा नवप्राथमिक विद्यालय पदमा : जिला में शिक्षा की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा पदमा के पिंडारकोन पंचायत स्थित नव प्राथमिक विद्यालय का हाल देख लगाया जा सकता है. यहां मनमाने तरीके से सरकारी स्कूल का संचालन हो रहा है. गुरुवार को बगैर किसी छुट्टी के ही पिंडारकोन […]
हाल. शिक्षा के स्तर को आइना दिखा रहा नवप्राथमिक विद्यालय
पदमा : जिला में शिक्षा की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा पदमा के पिंडारकोन पंचायत स्थित नव प्राथमिक विद्यालय का हाल देख लगाया जा सकता है. यहां मनमाने तरीके से सरकारी स्कूल का संचालन हो रहा है. गुरुवार को बगैर किसी छुट्टी के ही पिंडारकोन पंचायत के नवप्राथमिक विद्यालय, कोदवार को बंद रखा गया. विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक बालेश्वर मेहता गुरुवार को स्कूल पहुंचे ही नहीं. ऐसी स्थिति में बच्चे भी स्कूल नहीं पहुंचे. स्कूल में खाना बनानेवाली रसोइया मोहिनी दिन स्कूल का ताला खोल कर बैठी रही और शिक्षक का इंतजार करती रही. इस विद्यालय में 60 बच्चे नामांकित हैं. मोहिनी के अनुसार उन्होंने बताया कि सुबह दस बजे से स्कूल का ताला खोल कर बैठी हूं. लेकिन कोई नहीं आया.
भाड़े पर रखा गया शिक्षक: कोदवार के ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष और संयोजिका कौन हैं, उन्हें नहीं मालूम है. लोगों के अनुसार स्कूल खुलने और बंद होने का समय भी उन्हें नहीं मालूम है. बच्चे समय से पहले घर पहुंच जाते हैं. परिजन जब पूछते हैं, तो बच्चों का जवाब होता है: शिक्षक नहीं आये थे. ग्रामीणों के अनुसार सरकारी शिक्षक ने विद्यालय में एक अलग से शिक्षक को नियुक्त रखा है, जो उनकी अनुपस्थिति में 10-15 बच्चों को पढ़ाते हैं.ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार बीइइओ से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
रिपोर्ट देने के दो साल बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
बताया जाता है कि स्थानीय बीआरपी ने दो साल पहले इस विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की रिपोर्ट बीइइओ को दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
बीइइओ की दलील
इधर, बीइइओ किशोर कुमार की भी दलील अजीब है. पूछे जाने पर उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि हम क्या करें..बोलते-बोलते हम थक चुके हैं, पर कोई सुधार नहीं हो रहा है.