ग्लोबल हो गया है रिसर्च का स्वरूप

विभावि: मानवशास्त्र विभाग में कुलपति ने किया सीधा संवाद, कहा हजारीबाग : विभावि के मानवशास्त्र विभाग में कुलपति सीधा संवाद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को हुआ. कार्यक्रम में कुलपति प्रो रमेश शरण ने सभी 64 शोधार्थियों से सीधा संवाद किया. इन्होंने कहा कि रिसर्च का स्वरूप आज ग्लोबल हो गया है. दुनिया लोकल हो गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2017 9:38 AM
विभावि: मानवशास्त्र विभाग में कुलपति ने किया सीधा संवाद, कहा
हजारीबाग : विभावि के मानवशास्त्र विभाग में कुलपति सीधा संवाद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को हुआ. कार्यक्रम में कुलपति प्रो रमेश शरण ने सभी 64 शोधार्थियों से सीधा संवाद किया. इन्होंने कहा कि रिसर्च का स्वरूप आज ग्लोबल हो गया है. दुनिया लोकल हो गयी है. दुनिया की समस्या बदली है, चिंतन का स्वरूप भी बदला है. वहीं विकास का स्वरूप भी बदला है. कुलपति ने कहा कि आज समाजवादी विचारधारा पिछड़ गयी है.
बाजार पर दुनिया आधारित हो गयी है. कुलपति ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है, इसलिए प्रत्येक शोधार्थियों को साहित्य, कला व संस्कृति का ज्ञान होना अवश्य है. उन्होंने समाज को एक चिकित्सक के रूप में देखने को कहा. सीधा संवाद में कुलपति ने शोधार्थियों से विषयों की जानकारी ली. शोधार्थियों ने भी शोध से संबंधित समस्या रखी, जिसका निराकरण कुलपति ने किया.
विषय प्रवेश मानव विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ बीपी सिंह ने किया. इन्होंने कहा कि ज्ञान विकास आधारित होना चाहिए, तभी समाज को कुछ दिया जा सकता है. विभागाध्यक्ष डॉ गंगानाथ झा ने शोध से संबंधित भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी. इन्होंने कहा कि रिसर्च फोरम से शोध को नयी दिशा मिल सकती है. वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ एम के सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

Next Article

Exit mobile version