विज्ञान पर अंकुश नहीं लगाया जाय तो हो जायेगा निरंकुश : विभागाध्यक्ष
विभावि के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में विभागीय सेमिनार का आयोजन हुआ.
विभावि के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में विभागीय सेमिनार
हजारीबाग.
विभावि के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में विभागीय सेमिनार का आयोजन हुआ. इसमें द्वितीय समसत्र के विद्यार्थियों ने भाग लिया. सेमिनार का विषय दर्शन व विज्ञान का संबंध और वैज्ञानिक पद्धति था. विभागाध्यक्ष डॉ अमित कुमार सिंह ने कहा कि विज्ञान को दिशा निर्देश देने का काम दर्शन करता है. विज्ञान पर अंकुश नहीं लगाया जाय तो विज्ञान निरंकुश हो जायेगा. विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ यामिनी सहाय ने कहा कि 21वीं सदी में वैज्ञानिक उपकरणों पर व्यक्तियों की निर्भरता बढ़ती जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ने हमारी मूल चेतना को कम किया है. इसके कारण हमारी मानसिक क्षमता घटने लगी है. विजय कुजूर ने प्राकृतिक गीतों के माध्यम से विषय पर प्रकाश डाला. शोधार्थी विजय चौधरी ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नीतिशास्त्र का समन्वय आवश्यक है. मो फजल ने कहा कि दर्शन में निहित बातें ही आधुनिक विज्ञान में उसे आधार प्रदान करती है. राजेश कुमार ने कहा कि विज्ञान और दर्शन दोनों एक-दूसरे के पूरक है. अमित रंजन, अनिल रविदास, अभिषेक कुमार सिंह, विवेकानंद, महर्षी अरविंद, सबा फिरदौस ने सेमिनार को संबोधित किया. कार्यक्रम में हिमांशु, रंजीत, प्रिया, मोनिश, लक्ष्मी सानिया, रुपेश, राहुल, मनीष, राजीव समेत अन्य शोधार्थी मौजूद थे. विभागीय परिषद मे निर्णय लिया कि प्रत्येक शुक्रवार को विभागीय सेमिनार मे शोधार्थियों अपना विषय पेपर पढेंगे और प्रतिभागियो को प्रमाण पत्र दिया जायेगा. अगले शुक्रवार का विषय भारतीय नीतिशास्त्र पाश्चात नीतिशास्त्र के तुलनात्मक अध्ययन पर चर्चा होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है