Jharkhand news, Hazaribagh news : बड़कागांव (संजय सागर) : विगत 1 सितंबर, 2020 से 16 गांव में चल रहे धरना प्रदर्शन, सत्याग्रह आंदोलन एवं कोयले के डंप में आग लगने की खबर को लेकर जिला प्रशासन ने सोमवार को दूसरे दिन भी आंदोलनकारियों से वार्ता की. वार्ता के लिए बैठक बड़कागांव प्रखंड के चेपाकलां में बुलाई गयी थी. डीसी- एसपी की मौजूदगी में बैठक हुई, लेकिन वार्ता बेनतीजा रहा.
बैठक में जिला प्रशासन द्वारा कोयले की ट्रांसपोर्टिंग शुरू किये जाने का आग्रह आंदोलनकारियों से किया गया, लेकिन अपनी मांगों पर रैयत एवं आंदोलनकारी अड़े रहे. इस कारण दूसरे दिन की वार्ता भी बेनतीजा बेनतीजा रहा. इस बैठक की अध्यक्षता डीसी आदित्य आनंद एवं संचालन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवेश कुमार साव ने किया. बता दें कि विगत 4 सितंबर, 2020 को भी एसडीओ विद्या भूषण कुमार के नेतृत्व में वार्ता बेनतीजा रहा था.
इस वार्ता में डीसी आदित्य आनंद ने रैयतों से कहा कि डंप किये गये कोयले में जो आग लगी हुई थी, उसे तो किसी तरह बुझा लिया गया, लेकिन वृहद पैमाने पर भविष्य में आग लग जायेगी, तो उसे बुझाना मुश्किल हो जायेगा. कई महीनों से कोरोना महामारी से सभी लोग जूझ रहे हैं. एक और आपदा क्षेत्र में ना हो इसके लिए कोयले की ढुलाई बहुत जरूरी है. यह कोयला एनटीपीसी की नहीं, बल्कि सरकार की है.
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वहीं, एसपी एस कार्तिक ने कहा कि यहां 6.5 लाख टन कोयला डंप किया हुआ है. इसकी ढुलाई जरूरी है. मौके पर एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रशांत कश्यप, एसडीओ विद्या भूषण कुमार, एसडीपीओ भूपेंद्र राउत, सीओ वैभव कुमार सिंह, बीडीओ प्रवेश कुमार साव, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी ललित कुमार, डाड़ी सहायक थाना प्रभारी महेंद्र बैठा, मुखिया साधना कुमारी, सरिता पल्लवी, प्रतिनिधि शंकर राम, पृथ्वीराज गुप्ता, विजय राणा, चेतलाल महतो, इलियास अंसारी, सोनू कुमार, संगीता देवी, आशा देवी, अनीता देवी, बबीता देवी समेत सैकड़ों रैयत एवं ग्रामीण शामिल थे.
Posted By : Samir Ranjan.