हजारीबाग. किसान विरोधी काला कानून को वापस लेने की मांग को लेकर भारत बंद की पूर्व संध्या पर संयुक्त मोर्चा की ओर से मशाल जुलूस निकाला गया. जुलूस सीपीआइ कार्यालय से निकाला गया, जो विभिन्न मार्गों से होते झंडा चौक पहुंचा. इसमें सीपीआइ, सीपीएम, कांग्रेस, झामुमो व राष्ट्रीय जनता दल के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए. जुलूस का नेतृत्व पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने किया.
मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कानून बनाये हैं, वह किसानों के हित में नहीं है. इससे किसान को अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ेगा. किसानों के समर्थन में संयुक्त मोर्चा भारत बंद को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभायेगा. कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार तीनों बिल को बिना शर्त वापस लें. झामुमो जिलाध्यक्ष शंभु यादव ने कहा कि सरकार इस बिल के माध्यम से काॅरपोरेट को फायदा पहुंचाने का काम किया है.
राजद के जिलाध्यक्ष संजर मल्लिक ने कहा कि किसानों को अपनी मांग मनवाने के लिए आंदोलन करने का प्रजातांत्रिक अधिकार प्राप्त है. इस अधिकार से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता. सीपीएम जिला सचिव गणेश कुमार सीटू ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर लाठी व ठंड में पानी का बौछार कर उनके साथ अन्याय कर रही है. किसान पिछले दो माह से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे.
सरकार उस समय उनसे बातचीत की होती, तो आज दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा नहीं होता. कांग्रेस के जवाहरलाल सिन्हा ने शहरवासियों से अपील की कि वह भारत बंद के दौरान सड़कों पर उतर कर किसानों का समर्थन करें. मौके पर महेंद्र राम, सुधीर यादव, रामेश्वर कुशवाहा, विनोद सिंह कुमार, अजय गुप्ता, साजिद अली खान, ओमप्रकाश, जावेद मलिक, सलीम रजा, मो अफरोज, मनोज भगत ने भी बंद का समर्थन किया.
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