धर्म और आस्था से जुड़ी है दूधमटिया वन बचाने की मुहिम

: महादेव महतो ने पेड़ों में रक्षा सूत्र बांध कर जंगल बचाने का एक अनूठा प्रयास शुरू किया

By Prabhat Khabar News Desk | October 4, 2024 8:02 PM

टाटीझरिया. शिक्षक महादेव महतो ने पेड़ों को राखी बांध कर जंगल बचाने की ऐसी मुहिम चलायी, जो आज जन आंदोलन का रूप ले चुकी है. पूरी दुनिया में जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, वहीं महादेव महतो लोगों को धर्म और आस्था से जोड़ कर पेड़ और पर्यावरण बचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. हजारीबाग जिले के टाटीझरीया प्रखंड के दुधमटिया वन में जहां कभी इक्का-दुक्का पेड़ ही दिखायी देते थे, लेकिन यहां के शिक्षक महादेव महतो ने सात अक्तूबर 1995 को यहां के पेड़ों को बचाने के लिए धार्मिक रूप से पूजा-पाठ के साथ ही राखी बांध कर जंगल बचाने का एक अनूठा प्रयास शुरू किया था. आज हालत यह है कि महादेव की इस मुहिम में न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि राज्य के अन्य जिलों के लोग भी इनके साथ खड़े हैं और जंगल बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. हर साल लगता है वन मेला : हर साल सात अक्तूबर को यहां वन मेला का आयोजन किया जाता है, जिसमें ग्रामीण जंगल को बचाने का संकल्प लेते हैं. इस वर्ष भी दूधमटिया वन में बैंड-बाजे और नुक्कड़ नाटकों के साथ वन मेला एवं रक्षा बंधन कार्यक्रम की वर्षगांठ मनायी जायेगी. कहां तक फैला है दूधमटिया वन : दूधमटिया जंगल करीब 15 एकड़ भू-भाग में फैला हुआ है. वन संपदा से भरे इस क्षेत्र में आज हजारों किस्म के पेड़-पौधे मौजूद हैं. कहा जाता है कि दूधमटिया वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोग कभी पेड़ नहीं काटते हैं. पिछले कई सालों से वन एवं पर्यावरण विभाग भी महादेव महतो की इस मुहिम में सराहनीय भूमिका रहा है. विभाग क्षेत्र के लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के साथ ही ग्रामीणों को पौधा लगाने, वन संरक्षण समेत कई महत्वपूर्ण जानकारी दे रहा है. महादेव महतो का यह प्रयास राज्य के विभिन्न जिलों में रंग भी लाने लगा है. कई जिलों में अब पेड़ों में रक्षा सूत्र बांध कर उसे बचाने का संकल्प लिया जा रहा है.

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