Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग : कोरोना संक्रमण ने कपड़ा कारोबार का रंग उड़ा दिया है. शादी विवाह और ईद के सीजन में लगे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह से ढाई महीने में ही करीब 30 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. कपड़ा कारोबार के लिए मार्च से जून का समय सबसे अहम होता है. पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण से रेडीमेड कपड़ों के कारोबार की कमर टूट गई है. कपड़ा सेक्टर रोजगार मुहैया कराने वाला उद्योग माना जाता है. इस सेक्टर की खासियत यह भी है कि हर छह माह में फैशन मांग के अनुसार बदलती रहती है. सीजन बदलते ही वह डेड स्टॉक हो जाता है. ऐसे में जिन कारोबारियों ने इसकी तैयारी कर ली थी. उन्हें डेड स्टॉक की चिंता सता रही है.
चतरा, कोडरमा, रामगढ़, गिरिडीह जिलों के लिए कपड़ा कारोबार की सबसे बड़ी मंडी हजारीबाग है. शहर में रेडीमेड कपड़ों की लगभग 500 दुकानें हैं. हजारीबाग में दूसरे जिलों से भी लोग खरीदारी करने आते हैं. कपड़ा कारोबार से जुड़े लगभग 7000 लोग प्रभावित हुए हैं.
विवेकानंद सिंह ने बताया कि रेडीमेड कारोबार को ढाई माह में करोड़ों का नुकसान हुआ है. रमजान और शादियों के सीजन में दुकानें बंद रहीं. इससे कपड़ा कारोबार को बड़ा नुकसान हुआ. खूबसूरत मॉल के संचालक दिलीप गुप्ता ने बताया कि दो बड़े सीजन निकलने से कपड़ा उद्योग को बड़ा झटका लगा है. लॉकडाउन खुलने के बाद कारोबार की गतिविधि सामान्य होने में छह माह लग जायेंगे. कपड़ा कारोबार के लिए मार्च,अप्रैल और मई माह का अलग मायने रखता है. मो सलीम ने बताया कि पिछले वर्ष हुए नुकसान से कारोबारी उबर नहीं पाये थे. दूसरे साल भी यही हाल हुआ. बिजली बिल भी आयेगा. कर्मचारियों का वेतन भी देना है.
Posted By : Sameer Oraon