बरही विधानसभा सीट : त्रिकोणीय मुकाबला में दलित वोट बना निर्णायक
चुनाव को लेकर लोगों की राय
जावेद इस्लाम बरही प्रतिनिधि बरही. 2024 के बरही विधानसभा सीट का चुनावी संघर्ष त्रिकोणीय हो गया है. कांग्रेस का विधायक रहे उमाशंकर अकेला यादव का कांग्रेस से टिकट कटने पर वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव के मैदान में हैं. तैलिक समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. भाजपा ने बरही से चार बार विधायक रहे मनोज कुमार यादव को इस बार पुन: उम्मीदवार बनाया है. मनोज यादव वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़े थे और वे चुनाव हार गये थे. चार बार विधायक कांग्रेस से रहे थे. इस बार बरही से कुल 17 उम्मीदवार हैं, पर मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है. अकेला यादव कांग्रेस से टिकट कटने के बाद जनता के बीच भावनात्मक मुद्दा बनाने व अपने पक्ष में सहानुभूति लाने की कोशिश कर रहे हैं. मतदाताओं से एक और मौका मांग रहे हैं. भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार यादव चुनाव जीत कर अपना पुराना रुतबा बरकरार रखना चाह रहे हैं. कांग्रेस उम्मीदवार अरुण साहू चुनाव जीत कर बरही से अपना राजनीतिक भविष्य सेटल करना चाह रहे हैं. हालांकि सभी प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहें हैं. बरही के वैश्य मतदाता भी तीनों के बीच बंटा हुआ है. यादव मतदाता मनोज यादव व अकेला यादव के बीच बंटे हुए हैं. मुस्लिम मतदाताओं की भी कामोबेश यही स्थिति है. लगभग 22 प्रतिशत दलित वोट पर तीनों उम्मीदवार की नजर है. दलितों का वोट एकमुश्त हासिल करने के लिए प्रत्याशी एड़ी चाेटी लगा रहे हैं. माना जा रहा है दलित वोट इनमें से जिसे मिल जायेगा, वह चुनाव जीत जायेगा. बरही विधानसभा क्षेत्र में 400 मतदान केंद्र व तीन लाख 35 हजार मतदाता हैं..
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है