दुर्घटना पर उपायुक्त ने जतायी चिंता
इचाक और पदमा प्रखंड के सीमाना में स्थित लोटवा डैम और चमेली झरना में आये दिन बच्चों के डूबने से हो रही मौत पर उपायुक्त नैंसी सहाय ने दुख जताया है.
पदमा. इचाक और पदमा प्रखंड के सीमाना में स्थित लोटवा डैम और चमेली झरना में आये दिन बच्चों के डूबने से हो रही मौत पर उपायुक्त नैंसी सहाय ने दुख जताया है. उन्होंने अभिभावकों और स्थानीय लोगों से अपने बच्चों को ऐसी स्थलों पर जाने से रोकने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि जिले में कई जगहों पर पत्थर खनन के बाद गहरी खाई में पानी का जमाव है. गर्मियों में युवा अपने दोस्तों के साथ गर्मी से निजात पाने के लिए ऐसी स्थलों पर जाकर पानी में उतरते हैं. जिस कारण ऐसी घटनाएं हो रही है. युवा अपने जान की परवाह किये बगैर बड़े जलाशयों व असुरक्षित जगह पर जाकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, जो चिंताजनक है. प्रशासन की ओर से इस पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाया जायेगा.
एन एच फोरलेन रांची पटना सड़क के किनारे पदमा और इचाक प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में एक दूसरे से सटा हुआ है चमेली झरना और लोटवा डैम. लोटवा डैम चारों ओर जंगलों के बीच लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में फैला बड़ा जलाशय है. इधर पिछले पांच वर्षों से शहर के युवक युवतियों का एक समूह यहां घूमने फिरने पिकनिक मनाने पहुंचने लगे हैं. पिकनिक मनाने के बाद युवा पानी की गहराई को नजरअंदाज कर पानी में उतर जाते हैं और दुर्घटना घट जाती है. पिछले पांच सालों में लगभग एक दर्जन से अधिक युवाओं की जान अब तक जा चुकी है. ऐसे में प्रशासन की ओर से इस तरह की घटना को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. प्रशासन को चाहिए कि वहां सुरक्षा के लिए निर्देश के बड़े बड़े बोर्ड लगाये जाये और सुरक्षाकर्मी तैनात किया जाये.चमेली डैम से सटा एक चमेली झरना है. जो वर्षों पहले पहाड़ों से निकलने वाली पानी का प्राकृतिक स्थल था. दस साल पहले वहां अवैध पत्थर का खनन बड़े पैमाने पर किया गया . जिसमें लगभग पदमा और इचाक क्षेत्र के कई नामचीन लोगों के साथ विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे. बताया जाता है कि खनन का पटा किसी अन्य भूमि का लेकर चमेली झरना के पास पत्थरों का खनन कर लगभग 150 से 200 फीट तक का तीन चार बड़ा-बड़ा गहरा खाई बना दिया गया. अब इन खाई में पानी भर गया है, जो बाहर से काफी आकर्षित करता है. ऐसे युवा जब यहां घूमने पहुंचते हैं तो एक सौ फीट की खाई में नाचने के लिए छलांग लगाते हैं और बड़ी दुर्घटना हो जाती है. ऐसी घटना को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से सिर्फ एक बोर्ड लगाया गया है कि आगे जाना मना है. पर लोग उस बोर्ड की नोटिस को नजरअंदाज कर रोज वहां पहुंचते हैं. प्रशासन को चाहिए कि चमेली झरना तक पहुंचने वाले रास्ते को अवरुद्ध कर रोक लगा दें या फिर उस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें. जहां हमेशा सुरक्षा कर्मी भी तैनात हो .
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