हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड में दर्जनों पिकनिक स्पॉट, जहां जुटेंगे हजारों लोग
कटकमसांडी प्रखंड सीमा पर स्थित द्वारी गांव में बलबल का गर्मकुंड विख्यात है. यहां पानी के दो कुंड है. जहां लोग गर्म पानी में स्नान कर अपने दिन भर की थकान मिटा सकते हैं.
उमाकांत शर्मा, हजारीबाग:
प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण कटकमसांडी प्रखंड में कई पर्यटक स्थल हैं, जहां लोग नये वर्ष में हैप्पी न्यू इयर का इजहार करेंगे. इसमें छड़वा डैम, बलबल गर्मकुंड, बंजिया स्थित फायर टावर, पिपराही स्थित वाच टावर, बरगड्डा स्थित प्रसिद्ध मंदिर, हरहद स्थित फॉरेस्ट आईबी, गोंदा डैम महाने नदी सहित अन्य स्थल में लोग पहुंचेंगे. हरे भरे वन पहाड़ एवं झरने लोगों को आकर्षित करता है. प्रखंड क्षेत्र में लगभग एक दर्जन से अधिक पिकनिक स्पॉट है, जहां लोग नववर्ष पर पिकनिक का आनंद लेंगे.
बिख्यात बलबल का गर्मकुंड
कटकमसांडी प्रखंड सीमा पर स्थित द्वारी गांव में बलबल का गर्मकुंड विख्यात है. यहां पानी के दो कुंड है. जहां लोग गर्म पानी में स्नान कर अपने दिन भर की थकान मिटा सकते हैं. वही चर्म रोगों से भी मुक्ति पा सकते हैं. कुंड के बगल में मां बागेश्वरी का विशाल मंदिर है. इस मंदिर में बौद्ध कालीन मूर्तियां स्थापित है. जहां श्रद्धालु भगवती की पूजा आराधना करते हैं.
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फायर टावर
प्रखंड के बाझा पंचायत के बंजिया गांव में फायर टावर लोगों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करता है. फायर टावर का निर्माण अंग्रेजों ने कराया था. पहाड़ की चोटी पर बने इस टावर को अंग्रेज सैनिक आवागमन में अपने दिशा का निर्धारण करने के लिए उपयोग करते थे.
छड़वा डैम
हजारीबाग शहर से लगभग सात किमी दूर स्थित है प्रसिद्ध ऐतिहासिक छड़वा डैम. डैम के बगल स्थित महाकाली की भव्य मंदिर है. दक्षिण भारत की शैली मैं निर्मित मंदिर काफी आकर्षक और सुंदर है. छड़वा डैम लगभग 500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है. डैम का निर्माण पांच जनवरी 1952 को डीवीसी ने किया था.
वॉच टावर
बाझा पंचायत की उरीदिरी गांव में अंग्रेजों के जमाने से वाच टावर लगा है. जंगलों के बीच बने यह वाच टावर सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. वॉच टावर के बगल में बहने वाली पिपराही नदी की कलकल धारा मन को मोह लेती है. .इसी गांव में पांच हजार वर्ष पुराना मेगलिथ का समूह है, जो ऐतिहासिक धरोहर है. इन जगहों पर लोगों की भीड़ लगती है.
मुहाने नदी
कटकमसांडी और सिमरिया प्रखंड को अलग करने वाली महाने नदी अपनी मनोरम वादियों तथा खूबसूरत पत्थरों के समूह लोगों को आकर्षित करता है. नदी के दोनों किनारों पर प्राकृतिक हरे भरे पेड़ मन को सुकून देता है.
हरहद स्थित फॉरेस्ट आईबी-
कटकमसांडी हजारीबाग मार्ग के किनारे बसे हरहद गांव से महज 300 मीटर की दूरी पर फॉरेस्ट आईबी है. यह आईबी पहाड़ की चोटी पर स्थित है .इस आईबी के ठीक नीचे एक झरना बहती है, जिसे हदहदवा झरना के नाम से जाना जाता है. यहां भी पिकनिक स्पॉट के लिए मनोरम स्थल है.
गोंदा डैम
वर्ष 1954 में निर्मित गोंदा डैम के किनारे स्थित नर्सरी सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र विन्दु है. डैम के बगल में बानादाग पहाडी पर स्थित गौरीशंकर धाम मंदिर भी लोगों को काफी आकर्षित करता है.