आइएआरआइ गौरियाकरमा अंतरराष्ट्रीय स्तर का कृषि अनुसंधान केंद्र बनेगा : उपिनदेशक
भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर के उपनिदेशक डॉ तिलक राज शर्मा ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान गौरियाकरमा का निरीक्षण किया.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान गौरियाकरमा का निरीक्षण
हजारीबाग.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर के उपनिदेशक डॉ तिलक राज शर्मा ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान गौरियाकरमा का निरीक्षण किया. उपनिदेशक ने पौधारोपण किया. विशेष कार्याधिकारी डॉ विशालनाथ ने उपनिदेशक को स्वागत किया. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शैक्षणिक सह प्रशासनिक भवन में वैज्ञानिक व छात्रों से वार्ता किया. उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान गौरियाकरमा अंतरराष्ट्रीय स्तर का कृषि अनुसंधान केंद्र के रूप में पहचान बनायेगा. इस संस्थान में 20 राज्यों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. वैज्ञानिकों से संस्थान में चल रहे कृषि शोध कार्य की भी जानकारी ली. फसल विज्ञान उद्यान विज्ञान, प्रकृतिक संसाधन प्रबंधन, पशुपालन और मत्स्य विज्ञान में किये जा रहे शोध पर भी चर्चा किया. बीएससी, एमएसी कृषि विज्ञान के छात्रों से शोध संबंधी जानकारी ली. उपनिदेशक ने जिले में अनुसूचित जाति, जनजातियों को उन्नत किस्म के बीज वितरण कार्यक्रम की सराहना किया. उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाओं का आगे भी विस्तार होना चाहिए. एक अन्य कार्यक्रम में हजारीबाग स्थित आइसीएआर राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय स्टेशन, केंद्रीय वर्षाश्रित उपराउं भूमि चावल अनुसंधान केंद्र का दौरा किया. संस्थान में कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक की. उपनिदेशक प्रयोगशालाओं और फार्म के साथ स्टेशन के वैज्ञानिकों व कर्मचारियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हजारीबाग व झारखंड पिछले तीन सालों से औसत कम वर्षा से जूझ रहा है. वैज्ञानिकों को कम बारिश में उपजनेवाले धान लगाने के लिए किसानों को प्रेरित करना चाहिए. इसके अलावा मकई, मडुआ जैसे अन्य मोटे अनाज के पैदावार पर जोर दिया. निदेशक ने संस्थान भ्रमण के दौरान मासीपीढ़ी और शंकरपुर फार्म के बीच कोनार नदी पुल का भी उदघाटन किया. मौके पर डॉ सुजय रक्षित, डॉ अमरेश कुमार नायक, डॉ मोनू कुमार, डॉ एनपी मंडल, बी गणेश कुमार, आरके सिंह सहित कई कर्मचारी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है