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खलिहान व में रखे धान चट कर जा रहे हैं हाथी

शाम ढलते ही जंगल से निकल खेत-खलिहान में पहुंच जाते हैं हाथी

शंकर प्रसाद

हजारीबाग. सदर प्रखंड की भेलवारा पंचायत के कई गांवों में हाथियों का दहशत है. शाम ढलते ही जंगल से हाथियों का दल गांवों के खेत -खलिहान में पहुंच कर नुकसान पहुंचा रहे हैं. ग्रामीण हाथियों के भय से शाम ढलते ही घर के अंदर रहना ही मुनासिब समझते हैं. एक दिसंबर की रात सलैया जंगल से हाथियों का दल बोचों के खलिहान में पहुंच गया और कई किसानों के धान खा गये. बोचो के किसान टेकलाल साव, अशोक कुमार मधुकर, लक्ष्मण साव, मनोज साव एवं प्रेम साव के खलिहान और खेत में रखे धान खा गये.

हाथियों का दल 20 दिनों से कर रहा है विचरण : पूर्वी वन प्रमंडल के सलैया, कारी पत्थर, भेलवारा, डेमोटांड, तुंबा, गणेशीटांड़, गुरहेत, मरहेता, सीतागढ, मोरांगी, हथियारी जंगल में हाथियों का दल विचरण कर रहा है. 26 नवंबर को चेहला जंगल मे भेलवारा गांव की एक महिला पूनम देवी को हाथी के कुचल कर मार दिया. ग्रामीणों ने बताया कि 20 दिनों के भीतर हाथियों ने क्षेत्र में 10 दर्जन से अधिक किसानों का धान खा गये. इस घटना में किसानों का अबतक 50 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है.

गेहूं व अन्य फसल लगाने से डर रहे हैं किसान : हाथियों के भय से सदर प्रखंड की भेलवारा पंचायत के विभिन्न गांव के किसान जंगल और नदी के किनारे फसल नहीं लगाना चाहते हैं. कोनार नदी के किनारे सैकड़ो एकड़ भूमि पर किसान धान कटाई के बाद गेहूं, चना और सब्जी की खेती करते हैं. हाथियों के भय से किसान डरे हुए हैं. बोचो के ग्रामीणों ने बताया कि कोनार नदी के किनारे खेत में गेहूं, चना की खेती करते हैं. नदी के किनारे सलैया, कारी पत्थर, सीतागढ़, भेलवारा जंगल है. प्रत्येक वर्ष हाथियों का दल आकर खेतों मे लगी फसल को खाकर और रौंद कर नष्ट देता है. नदी से किसान रात मे गेहूं व अन्य फसलों का पटवन करते हैं. ऐसे में हाथियों के दल के आने आशंका बनी रहती है. पौता पंचायत तुरांव गांव के किसान शाने इमाम ने बताया कि तुरांव के सभी खेत कोनार नदी के बगल जंगल के पास है. प्रत्येक वर्ष हाथियों का दल आकर खेतों में लगी फसल को बर्बाद कर चले जाते हैं, जिसके कारण अब किसान जंगल के किनारे खेतों में फसल नहीं लगाना चाहते हैं.

हाथी एप लोड कर हर गतिविधि पर नजर रखें: पूर्वी वन प्रमंडल क्षेत्र के डीएफओ विकास उज्ज्वल ने बताया कि वन विभाग हाथियों को आबादी वाले क्षेत्र में आने से रोकने के लिए वन कर्मियों की टीम को लगाया है. हाथी एप का उपयोग कर किसान हाथियों की हर गतिविधि पर नजर रख सकते हैं. यह एप हाथी की वर्तमान उपस्थिति को बताता है.

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