तीन माह बीतने के बाद भी लिपिकों को नहीं मिला एमएसीपी का लाभ

वित्त विभाग की संकल्प संख्या 2388 दिनांक आठ जुलाई 2014 की कंडीका आठ में मुफस्सिल कर्मी (लिपिक) को परीक्षा से छूट मिली है. लेखा लिपिक को परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 30, 2023 1:48 PM

आरिफ, हजारीबाग :

जिले के शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग आधा दर्जन लिपिक (क्लर्क कर्मी) तीन महीने से सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना (एमएसीपी) का लाभ लेने के लिए परेशान हैं. सभी का जरूरी (आवश्यक) दस्तावेज (कागजात) जिला कोषागार कार्यालय में जमा है. अधिकारी के हस्ताक्षर बाद संबंधित लिपिक को एमएसीपी का लाभ मिलेगा. इससे कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी. अभी समय पर एमएसीपी लाभ नहीं मिलने से कर्मी परेशान हैं. सभी एमएसीपी का लाभ लेने के प्रतिदिन जिला कोषागार कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. लिपिकों को एमएसीपी का लाभ देने के लिए प्रमंडलीय शिक्षा स्थापना समिति की बैठक दो अगस्त 2023 को हुई है. बैठक में समिति के सदस्य जिला कोषागार पदाधिकारी भी मौजूद थे. कुछ लिपिकों ने बताया कि तीन महीने बीत गये, समय पर एमएसीपी का लाभ नहीं मिला है. नाराज कर्मियों ने न्यायालय जाने का मन बनाया है.

इन्हें मिलेगा एमएसीपी लाभ:

डीएसइ कार्यालय में कार्यरत तीन लिपिक सतीश कुमार सिंह, निशी कुमारी, शंभू शरण कुशवाहा, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक कार्यालय में कार्यरत एक लिपिक संजय कुमार, डीईओ कार्यालय में कार्यरत एक लिपिक बिनोद कुमार वर्मा एवं जिला संस्कृत उवि में कार्यरत एक लिपिक दिनेश कुमार लोहिया को एमएसीपी का लाभ मिलना है.

पेंच :

2004 में समाहरणालय एवं मुफ्फसिल कर्मियों का संवर्ग अलग-अलग किया गया है. वित्त विभाग की संकल्प संख्या 2388 दिनांक आठ जुलाई 2014 की कंडीका आठ में मुफस्सिल कर्मी (लिपिक) को परीक्षा से छूट मिली है. लेखा लिपिक को परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया है. वहीं, मानव संसाधन विकास विभाग के एक पत्र में भी पत्रांक 63 दिनांक सात जनवरी 2009 मुफस्सिल कर्मियों (लिपिकों) को विभागीय परीक्षा से छूट मिली है. इस पत्र में सभी को अनुसचिवीय लिपिक से संबोधित किया गया है. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से जुड़े एवं दो अगस्त प्रमंडलीय स्थापना शिक्षा समिति की बैठक बाद गिरिडीह जिले के लिपिक विनय कुमार को एमएसीपी का लाभ मिल गया है. वहीं, हजारीबाग जिले में तरह-तरह का पेंच बताकर इसे लंबित रखा गया है.

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