बड़कागांव (हजारीबाग) : बड़कागांव प्रखंड में प्रवासी मजदूरों के वापस आने से हड़कंप मच गयी है. बाहर से आने वाले वैसे प्रवासी मजदूरों का विरोध होने लगा है, जिन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा गया है. होम क्वारेंटाइन प्रवासी मजदूरों के परिजनों से मोहल्ले के लोग झगड़ा करते नजर आ रहे हैं. वहीं, गांव के जनप्रतिनिधि इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. बड़कागांव मध्य पंचायत के एक मोहल्ले में कोलकाता से आने वाले प्रवासी मजदूरों को घूमते-फिरते देखकर ग्रामीणों ने विरोध किया.
ये वही मजदूर हैं जिन्हें होम क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है. प्रभात खबर प्रतिनिधि संजय सागर से बातचीत में गांव वालों ने कहा कि प्रवासी मजदूरों से आसपास एवं गांव मोहल्ले के लोगों को खतरा है. गांव वालों का यह भी कहना है कि मुंबई, दिल्ली, गुजरात, ओड़ीसा, कोलकाता से आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या बड़कागांव में अधिक है. गांववालों का कहना है कि होम क्वारेंटाइन मजदूर व परिजन गांव मोहल्ले में घूम रहे हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं.
गांव वालों ने यह भी कहा कि भले ही प्रवासी मजदूरों में कोरोना का लक्षण नहीं दिख रहा है, लेकिन बिना लक्षण वाले भी तो कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं. अगर होम क्वारेंटाइन में रहने वाला एक भी मजदूर कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो पूरे गांव में कोरोना फैलने का डर है. गांव वालों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि जितने भी प्रवासी मजदूर हैं, सभी मजदूरों को गांव मोहल्ले से दूर क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाए.
1 लाख 17 हजार रुपये ट्रक का किराया देकर कई मजदूर मुंबई से बड़कागांव पहुंचे हैं. जिनमें बड़कागांव प्रखंड के 3, पतरातू प्रखंड के 4 और केरेडारी प्रखंड के 13 मजदूर हैं. मुंबई से पहुंचने वाले यह 20 प्रवासी मजदूर जब बड़कागांव चौक के पास उतरे तो स्थानीय लोगों ने विरोध किया. ग्रामीणों ने कहा कि इन मजदूरों को सीधे क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाना चाहिए, ना कि चौक चौराहों पर बैठाना चाहिए. ग्रामीणों का कहना था कि अगर इन मजदूरों में से कोई पॉजिटिव वाला मरीज होगा तो सारा बड़कागांव कोरोना की चपेट में आ जायेगा. इसलिए ग्रामीणों ने बड़कागांव चौक को सैनिटाइज कराने की मांग की.