बड़कागांव/हजारीबाग (झारखंड) : गोन्दलपुरा कोल परियोजना के तहत आनेवाले गांवों के बेरोजगार युवकों के हाथों को हुनरमंद बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अदाणी फाउंडेशन ने कदम आगे बढ़ाया है. रोजगार की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए प्रथम चरण में परियोजना के तहत आने वाले गावों से आठ युवकों का चयन किया गया है.
आर्थिक रूप से कमजोर इन विद्यार्थियों इन युवाओं को माइन मेकेनिस्ट की ट्रेनिंग के लिए छत्तीसगढ़ के परसा स्थित अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेन्टर भेजा जायेगा जहां इन्हें दो महीने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा.
युवाओं को इलेक्ट्रीशियन का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. युवाओं को सफल प्रशिक्षण के बाद एक परीक्षा पास करनी होगी, जिसके बाद इन्हें प्रमाण पत्र दिया जायेगा और इस ट्रेनिंग के बाद युवा रोजगार के आवेदन करने के योग्य होंगे या स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे. सभी युवा दसवीं कक्षा पास हैं, जिनकी उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच है.
गोन्दलपुरा खनन परियोजना के अंतर्गत आने वाले गावों के और युवाओं को प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने की योजना है. अदाणी कौशल विकास केंद्र में इन आठों युवाओं की काउंसिलिंग की गयी. इन्हें पूरी ट्रेनिंग प्रक्रिया और कोर्स के बारे में बताया गया, जिसके बाद आवश्यक बेसिक किट प्रदान करते हुए इन्हें ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया.
ना सिर्फ झारखंड से बल्कि दूसरे राज्यों से भी युवा यहां प्रशिक्षण पा रहे हैं जिनमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और उड़ीसा के भी नौजवान युवक निःशुल्क तकनीकी शिक्षा पा रहे हैं. युवाओं की आवश्यकता व कौशल के अनुसार कुल 35 पाठ्यक्रमों, जिसमें प्रमुख रुप से सहायक इलेक्ट्रीशियन, माइनिंग मैकेनिक, सिलाई मशीन ऑपरेटर, एफ एंड बी सर्विस स्टीवर्ड और फिटर मशीनिस्ट में 28 से 60 दिनों की अवधि तक प्रशिक्षण दिया जाना है. यहां उत्तम श्रेणी के क्लास रूम, आईटी लैब और लाइब्रेरी है.