गोपाल शिवांगना शिव मंदिर सेवा संस्थान जमीन विवाद का फैसला सदर अनुमंडल दंडाधिकारी विद्या भूषण प्रसाद के न्यायालय में आया. एसडीओ के न्यायालय ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए खुले न्यायालय में अपना निर्णय सुनाया. निर्णय में कहा गया है कि खाता नंबर 19 के विभिन्न प्लॉट के भूमि का उपयोग मेला, मंदिर व अन्य धार्मिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा है. इसलिए धारा 144 को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.
दस्तावेज के अध्ययन के बाद वर्तमान कार्रवाई समाप्त की जाती है. प्रथम पक्ष सक्षम सिविल न्यायालय में गुहार लगा सकता है. फैसला आने के बाद सदर प्रखंड से सटे 13 गांव के लोगों ने खुशी जाहिर की है. ग्रामीणों ने एक दूसरे को बधाई दी. रामस्वरूप महतो ने बताया कि एसडीओ कोर्ट पर हमलोगों को भरोसा था. इस निर्देश को सुनने के लिए 12 बजे से ही नया समाहरणालय परिसर में भीड़ इकट्ठा हो गयी थी. सैकड़ों की संख्या में लोग छोटे और टेंपू से एसडीओ कोर्ट के निर्णय को सुनने आये थे. इसमें अधिकतर आस्था से जुड़े बुजुर्ग और महिलाएं शामिल थीं.
ओरिया के संजय कुमार सिन्हा ने गोपाल शिवांगना शिव मंदिर सेवा संस्थान के करीब दो एकड़ जमीन पर दावा किया था. इस संबंध में संजय कुमार सिन्हा ने अनुमंडल दंडाधिकारी सदर के न्यायालय में 298-23 वाद संख्या की धारा 144 के तहत मामला दर्ज कराया था. जिसमें अमरदीप कुमार, देवदीप कुमार, रामस्वरूप महतो को आरोपी बनाया था.
इस विवाद को लेकर एसडीओ कोर्ट मे मामला चला. दोनो पक्षों की ओर से जुडे दस्तावेज प्रस्तुत किये गये. दूसरे पक्ष के अधिवक्ता रवि दूबे ने बताया कि संजय कुमार सिन्हा के पूर्वज दो एकड जमीन पहले ही दान दे चुके है. इस जमीन पर करीब 125 वर्षो से गांव के लोग रामनवमी व अन्य धार्मिक कार्यक्रम करते आये है. इसके अलावा जमीन पर मंदिर व बाग बगीचे, जर्जर दूर्गा मंडप, निर्माधिन दूर्गा मंडप, महादेव मंडप, बेल, पीपल, बरगद का पेड है.