लगातार नौ वर्षों से मैट्रिक में हजारीबाग का बेहतर परिणाम
मैट्रिक परीक्षा परिणाम में हजारीबाग को दूसरा स्थान मिलने पर शनिवार को शिक्षा अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
शिक्षा सचिव ने शिक्षा अधिकारियों से की बात, प्रोजेक्ट रेल से विद्यार्थियों को मिला सहयोग
10 दृष्टि बाधित और विकलांग विद्यार्थी हुए सफल
आरिफ, हजारीबागमैट्रिक परीक्षा परिणाम में हजारीबाग को दूसरा स्थान मिलने पर शनिवार को शिक्षा अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की. वहीं, बेहतर परिणाम के लिए सभी माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों को डीइओ प्रवीन रंजन और डीएसइ संतोष गुप्ता ने शुभकामनाएं दी. डीइओ ने कहा नौ वर्षों से लगातार हजारीबाग जिला मैट्रिक परीक्षा परिणाम में बेहतर स्थान प्राप्त किया है. 2015, 2017 व 2021 में हजारीबाग ने मैट्रिक परीक्षा परिणाम में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया. वहीं, वर्ष 2016 से लेकर छह वर्षों में दूसरे स्थान पर है. 2023 में हजारीबाग जिले का मैट्रिक परीक्षा परिणाम 98.217 प्रतिशत रहा. 2024 में 93.835 प्रतिशत है. नेतरहाट की तरह हजारीबाग में इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय है. 2024 में इस विद्यालय की 19 छात्राओं ने राज्य टॉप टेन में सफलता प्राप्त की है. इसमें ज्योत्सना ज्योति 496 अंक प्राप्त कर राज्य टॉपर बनी है. जिले के 10 प्रखंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय है. छह प्रखंडों में झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय मिलाकर सभी 16 आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं ने मैट्रिक परीक्षा परिणाम में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त की है. डीइओ ने कहा सीमित संसाधन के बावजूद विद्यार्थियों का परिणाम संतोषजनक है. डीएसइ ने कहा जिले के अलग-अलग 10 दृष्टि बाधित व दिव्यांग विद्यार्थियों ने मैट्रिक परीक्षा में सफलता पायी है. इसकी सूची तैयार की जा रही है. इसे सार्वजनिक किया जायेगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह ने शिक्षा अधिकारियों से बात की. उन्होंने मैट्रिक परीक्षा में हजारीबाग के बेहतर प्रदर्शन पर अधिकारियों को बधाई दी.
कोटजिले में शिक्षा को बेहतर बनाना उद्देश्य है. बेहतर परिणाम के पीछे कोडरमा के पूर्व डीसी व वर्तमान समय राज्य परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन की झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद प्रतियोगिता की सराहना हो रही है. कोडरमा के डीसी रहते उन्होंने प्रोजेक्ट रेल बनाया. बाद में प्रोजेक्ट रेल को राज्यभर में लागू किया गया. हजारीबाग में इसे अगस्त में लागू किया गया. प्रोजेक्ट रेल के तहत साप्ताहिक टेस्ट परीक्षा विद्यार्थियों में शुरू की गयी. इस परिपाटी से विद्यार्थियों में गुणात्मक शिक्षा के प्रति बेहतर प्रदर्शन रहा.