केरेडारी.
बढ़ती गर्मी से हजारीबाग जिला के केरेडारी के कई नदी, तालाब, कूप, चापानल सूख गए हैं. जल स्रोतों के सूखने से प्रखंड के पचड़ा, कराली, चट्टीबरियातू, पेटो, केरेडारी पंचायत में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गयी है. लोगों को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है. राज्य सरकार द्वारा बनाए गए केरेडारी के पेटो, सलगा, सायल, केरेडारी व बुंडू में जलमीनार हाथी का दांत साबित हो रहे हैं. पीएचडी विभाग से निर्माण कार्य करा रहे संवेदक पिछले आठ साल में भी जलमीनार का कार्य पूर्ण नहीं कर सका. समय से जलमिनार का कार्य पूरा होने पर 20 हजार की आबादी को पानी घरों तक मिलता. लोग सुबह-शाम में पानी के लिए इधर उधर भटकते फिर रहे हैं. वहीं, कराली व हेवई पंचायत में पीएचडी विभाग से लगाया गया तीन दर्जन से अधिक सोलर संचालित जलमीनार बंद हैं.
सोलर संचालित जलमीनार निर्माण के नाम पर खानापूर्ति :
कराली पंचायत ड्राइ जोन में आता है. यहां 1000 फिट बोरिंग भी फेल हो जाती है. इसके बावजूद पीएचडी विभाग द्वारा कराली पंचायत में 14 सोलर संचालित जलमीनार का निर्माण कराया गया. कार्य पूर्ण होने के उपरांत योजना फेल हो गया. घरों में लगे नल इस तपती गर्मी में पानी आने के इंतजार में हैं. कराली मुखिया ने कहा कि काफी मेहनत से योजना लाए परंतु पानी आपूर्ति नहीं हो सकी.
डीसी से पेयजल आपूर्ति की मांग :
डीसी से केरेडारी मुखिया सोनिया देवी, पेटो मुखिया कौशल्या देवी, पूर्व मुखिया किशोर यादव ने भीषण गर्मी को देखते हुए केरेडारी, सलगा वा पेटो में बनी जलमीनार से पेयजल आपूर्ति कराने की मांग हजारीबाग डीसी से की है.
जल्द पेयजल आपूर्ति शुरू करे संवेदक :
केरेडारी उप प्रमुख अमेरिका महतो ने कहा कि जलमीनार बने कई साल हो गए. घटिया निर्माण छुपाने के लिए संवेदक पानी सप्लाई नहीं चालू कर रहा है. उप प्रमुख ने मुख्यमंत्री से जलमीनार के कार्य की गुणवत्ता को जांच कराने, जलमीनार में घटिया पाइप व नल लगाने वाले संवेदक व पीएचडी जेई पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है.