प्रतिनिधि, पदमा आरएन प्लस टू उच्च विद्यालय, पदमा के शिक्षक महेंद्र राम ने अपने प्रभारी शिक्षक विकास तिवारी पर जातीय भेदभाव कर मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उसने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग दिल्ली, आयुक्त उत्तरी छोटानागपुर डीसी, क्षेत्रीय शिक्षा व संयुक्त निदेशक रांची और डीइओ को पत्र लिखकर प्रभारी के आचरण की जांच की मांग की है. आरोप है कि प्रोजेक्ट इम्पेक्ट योजना के तहत राज्य से आई जांच टीम ने विद्यालय में कई समस्याओं को नोट कराते हुए एक माह में ठीक करने का निर्देश दिया. समस्याओं के हल के लिए प्रभारी ने प्रत्येक समस्या के निदान के लिए अलग-अलग एक-एक शिक्षक को प्रभारी बनाकर उस समस्या का हल करवाने का निर्देश दिया. इस दौरान मुझे अनुसूचित जाति होने के कारण जातीय दुर्भावना से प्रेरित होकर मुझे प्रभारी कार्यालय के शौचालय को साफ करने की जवाबदेही देकर अपमानित करने का काम किया गया. इससे मैं आहत हूं और मेरे मान-सम्मान को ठेस पहुंची है. डीइओ ने प्रभारी के वेतन पर लगाया रोक, शोकाॅज शिक्षक महेंद्र राम के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रभारी शिक्षक विकास तिवारी को शोकाॅज किया है. साथ ही उनके वेतन पर तत्काल रोक लगा दिया है. प्रभारी को अविलंब दो दिन में शोकाॅज का जवाब देने का निर्देश दिया है. प्रभारी विकास तिवारी पर विद्यालय को प्राप्त विभिन्न मद के पैसों के खर्च और निकासी पर अनियमितता का आरोप लग चुका है. पिछले वर्ष इस अनियमितता पर 20 सूत्री की कमेटी की बैठक में जांच के लिए प्रस्ताव पर बीइओ द्वारा जांच करायी गयी. जांच रिपोर्ट में बीइओ ने प्रभारी द्वारा वोकेशनल टीचर मद, वोकेशनल टूर मद, हेल्थ केयर मद सहित कई अन्य मदों की राशि में गड़बड़ी की बात कही थी. रिपोर्ट में बताया कि प्रभारी शिक्षक द्वारा फर्जी बिल बाउचर देकर लाखों की अवैध निकासी की गयी.
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